7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यदि आप अपने घर में कोटा स्टोन लगाने का सोच रहे हैं, तो पहले पढ़े ये खबर

जीएसटी से कराह रहे कोटा स्टोन पर रॉयल्टी की मार, रॉयल्टी पर 25 फीसदी की वृद्धि होगी। विरोध में बैठक आज।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

ritu shrivastav

Oct 28, 2017

Kota Stone, Royalty Growth, GST, Kota Stone Industry, Mining Association, Lime Stone Mining Association, Crisis on Industries, Demand Due Demand Due to Kota Stone, Polish Factory, State Government, Revenue, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika

कोटा स्टाेन

रामगंजमंडी. खान एवं भू विज्ञान विभाग के खनिज पदार्थों की रॉयल्टी में वृद्धि के आदेश ने पहले ही जीएसटी की मार झेल रहे कोटा स्टोन को नया दर्द दे दिया है। रॉयल्टी दरों में 25 फीसदी तक की वृद्धि से कोटा स्टोन की रॉयल्टी 110 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 140 रुपए प्रति टन कर दी गई है। इससे उद्योग पर संकट के बादल और गहरा गए हैं। जीएसटी में कोटा स्टोन पोलिश पत्थर को 18 प्रतिशत स्लेब में रखा होने से व्यापारी पहले ही आहत हैं। वे स्लैब बदलने की मांग भी कर रहे। इसी बीच रॉयल्टी वृद्धि ने कोढ़ में खाज का काम किया है। इसके चलते उद्यमी विरोध पर उतर आए हैं। आगामी रणनीति पर चर्चा के लिए शनिवार को उद्यमियों ने माइनिंग एसो., केएसएसएआई की बैठक बुलाई है।

Read More: निगम आयुक्त के सामने लगी सफाई कर्मियों की क्लास, हाजरी लगी तो आधे से ज्यादा श्रमिक मिले 'लापता'

प्रभावित होगा कारोबार

लाइम स्टोन माइनिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार निरन्तर कर का बोझ बढ़ा रही। कोटा स्टोन उद्योग पर संकट और बढ़ गया। जीएसटी ने इसके व्यापार को प्रभावित किया। अब रॉयल्टी की बढ़ी दरें इस पत्थर की दरें बढ़ाएगी, इससे निश्चित ही मांग प्रभावित होगी। इसका सीधा असर लाइम स्टोन की खदानों के उत्पादन व पॉलिश फैक्ट्रियों पर बिकने वाले माल पर आएगा। रॉयल्टी बढऩे से खदानों से निकलने वाला मोटा पत्थर एक रुपए फुट महंगा होगा। पतले पत्थर की दरों में पचास पैसे तक की वृद्धि की संभावना है।

Read More: नोटबंदी के बाद सरकार ने बनाई ये घातक प्लानिंग, कभी भी हो सकती है लागू

हर साल 80 करोड़ का राजस्व

राज्य सरकार को हर साल रॉयल्टी के रूप में रामगंजमंडी क्षेत्र से करीब 80 करोड़ का राजस्व मिलता है। पर्यावरण शुल्क से भी सरकार को करीब छह करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं। अब सरकार के खजाने में अधिक राशि जमा होगी। क्षेत्र में कोटा स्टोन की करीब साठ खदानें हैं और करीब पन्द्रह सौ पॉलिश इकाइयां हैं।

Read More: ताजमहल का निर्माण रुकवाना चाहते थे राजा जयसिंह, शाहजहां के फरमानों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

आम जन के लिए भी होगा मंहगा

लाइम स्टोन माइन्स एसोसिएशन के सर्वजीतसिंह आनंद ने कहा कि
पहले नोटबंदी फिर जीएसटी से कोटा स्टोन व्यापार प्रभावित हुआ और अब अब राज्य सरकार ने रॉयल्टी की दरें बढ़ाकर उद्यमियों को संकट में डाल दिया है। इस वृद्धि से कोटा स्टोन के व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। आम जन के लिए भी पत्थर महंगा होगा। कोटा खंड के अधीक्षण खनि अभियंता पीएल मीणा का कहना है कि खनिज पदार्थों की रायल्टी दरों में बढ़ोतरी की गई है। माइनिंग ठेकेदारों, उद्यमियों को रॉयल्टी की दस फीसदी राशि अलग से डिस्ट्रिक्ट फाउंडेशन ट्रस्ट में जमा करानी होगी।