scriptताजमहल का निर्माण रुकवाना चाहते थे राजा जयसिंह, शाहजहां के फरमानों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा | Controversy on Taj Mahal | Patrika News

ताजमहल का निर्माण रुकवाना चाहते थे राजा जयसिंह, शाहजहां के फरमानों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

locationकोटाPublished: Oct 26, 2017 05:32:07 pm

Submitted by:

​Vineet singh

मुगल सल्तनत के शाही फरमानों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि राजा जय सिंह ने ताजमहल का निर्माण रुकवाने की कोशिश की थी।

Taj Mahal, Controversy on Taj Mahal, Royal decree of the Mughals, Shahi Farman Mugal, Mugal Farman On Tajmahal, Raja Jay Singh Tajmahal, Mugal King Shahjahan, Taj Mahal News, Rajasthan Patrika Kota, Kota Rajasthan Patrika, Patrika News

ताजमहल का निर्माण रुकवाना चाहते थे राजा जयसिंह, शाहजहां के फरमानों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

ताजमहल के निर्माण के लिए मुगल बादशाह शाहजहां को अपने पुरखों की ‘मान हवेली’ सौंपने वाले आमेर (जयपुर) के राजा जय सिंह इस फैसले से खुश नहीं थे। 380 साल पहले मुगल शहंशाह शाहजहां की ओर से जारी फरमानों से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। फारसी में लिखे इन शाही फरमानों से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि राजा जयसिंह ने ताजमहल के लिए आमेर और राजनगर की खदानों से संगमरमर की खुदाई का काम भी रोकने की कोशिश की थी। राजा जय सिंह के लोगों ने संगमरमर की खदानों में काम करने वाले मजदूरों और संगतराशों को आमेर और राजनगर में रोकना शुरू कर दिया था। जिससे संगमरमर की खुदाई का काम बंद होने के कगार पर पहुंच गया था। इस बात की खबर लगते ही शाहजहां खासा नाराज हुआ और तत्काल मजदूरों और संगतराशों को काम पर भेजने का हुक्म कर दिया था।
Taj Mahal, Controversy on Taj Mahal, Royal decree of the Mughals, Shahi Farman Mugal, Mugal Farman On Tajmahal, Raja Jay Singh Tajmahal, Mugal King Shahjahan, Taj Mahal News, Rajasthan Patrika Kota, Kota Rajasthan Patrika, Patrika News
IMAGE CREDIT: patrika
 

यह भी पढ़ें

नोटबंदी के बाद सरकार ने बनाई ये घातक प्लानिंग, कभी भी हो सकती है लागू

मुहब्बत की निशानी कहे जाने वाले विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल को लेकर इन दिनों देश की राजनीति खूब गर्मायी हुई है। राजनीतिक गलियारों से लेकर इतिहासकारों तक के बीच में ताजमहल के निर्माण को लेकर खासा विवाद छिड़ा हुआ है। बावजूद इसके, तमाम दावों और विवादों के बीच कभी किसी ने उन ऐतिहासिक दस्तावेजों को देखने की कोशिश नहीं की जिनसे ताजमहल के निर्माण और उस वक्त के हालात से पर्दा उठ सके। यह तो तमाम लोग जानते है कि शाहजहां ने आगरा में ताजमहल का निर्माण यमुना किनारे बनी आमेर (जयपुर) के राजा जयसिंह की आलीशान ‘मान हवेली’ को तोड़कर किया था। इस हवेली का निर्माण राजा जयसिंह के दादा मान सिंह ने करवाया था। वह अकबर के सेनापति थे, लेकिन यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि मुगल बादशाह के इस फैसले से राजा जयसिंह खुश नहीं थे।
Taj Mahal, Controversy on Taj Mahal, Royal decree of the Mughals, Shahi Farman Mugal, Mugal Farman On Tajmahal, Raja Jay Singh Tajmahal, Mugal King Shahjahan, Taj Mahal News, Rajasthan Patrika Kota, Kota Rajasthan Patrika, Patrika News
IMAGE CREDIT: patrika
 

जयसिंह पर नहीं था भरोसा

मुगल बादशाह शाहजहां जयसिंह की तारीफों के कसीदे तो खूब पढ़ता था, लेकिन इसके बाद भी वह जयसिंह पर भरोसा नहीं करता था। मुगल बेगमों पर शोध करने वाले डॉ. शहंशाह बताते हैं कि मान हवेली लेने के बाद मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल के निर्माण कार्य से राजा जयसिंह को हमेशा दूर ही रखा। इतना ही नहीं उसे यह भी लगता था कि ताजमहल के निर्माण कार्य में जयसिंह दिलचस्पी नहीं ले रहे और शाही फरमानों का पूरी तरह पालन भी नहीं कर रहे। इसलिए उसने हमेशा अपने खास दरबारियों को काम की निगरानी के लिए तैनात कर रखा था। इस बात का खुलासा 21 जनवरी 1632 को जारी उस फरमान से होता है जिसमें शाहजहां ने जयसिंह से संगमरमर की खुदाई का काम छीनकर सारी जिम्मेदारी अपने खास दरबारी सय्यद इलाहदाद को सौंपने का हुक्म दिया था। डॉ. शहंशाह बताते हैं कि फारसी में लिखे इस फरमान में शाहजहां ने जयसिंह को आदेश जारी किया था कि पहले जितनी गाड़ियां मकराने की खान से संगमरमर लाने के लिए इन परगनों से दी गईं हों उन सबका हिसाब करके ततिम्मा (पूर्व में शेष रहे हिसाब को हाल के हिसाब में शामिल करके कुल हिसाब) करके सय्यद इलाहदाद को सौंप दो।
Taj Mahal, Controversy on Taj Mahal, Royal decree of the Mughals, Shahi Farman Mugal, Mugal Farman On Tajmahal, Raja Jay Singh Tajmahal, Mugal King Shahjahan, Taj Mahal News, Rajasthan Patrika Kota, Kota Rajasthan Patrika, Patrika News
IMAGE CREDIT: patrika
 

खुदवाई थी नई खदान

डॉ. शंहशाह बताते हैं कि संगमरमर के पत्थर की इतनी ज्यादा जरूरत थी कि मकराना (नागौर), आमेर (जयपुर) और राजनगर (राजसमंद) की खदानों से लगातार खुदाई होने के बावजूद नई खान खुदवाने की जरूरत पड़ गई थी। मुगल बादशाह शाहजहां की ओर से 9 सितंबर 1632 को राजा जयसिंह के नाम जारी फरमान से खुलासा होता है कि शाहजहां ने आमेर में नई खान से संगमरम निकालने के लिए अपने खास दरबारी मलूकशाह को आमेर भेजा था। इस फरमान में जयसिंह को आदेश दिया गया था कि इस संबंध में हर प्रकार की सहायता मलूकशाह को उपलब्ध करवाएं और आदेशों की अवहेलना ना होने पाए।
यह भी पढ़ें

इस खबर को पढ़ने के बाद हेलमेट लगाए बिना घर से बाहर नहीं निकल सकेंगे आप


शाहजहां से फैसले से खुश नहीं थे जयसिंह

डॉ. शहंशाह कहते हैं कि तमाम फरमानों से साफ होता है कि मुगल शंहशाह शाहजहां और आमेर के राजा जयसिंह के बीच कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे थे। आलम यह था कि राजा जयसिंह शाहजहां के साथ रहना तो दूर उनके दरबार में हाजिर होना तक पसंद नहीं करते थे। इसलिए वह कई बार बुलाने के बावजूद शाहजहां के दरबार तक में नहीं जाते और जब ज्यादा जरूरी हो जाता तो कभी अपने बेटे रामसिंह तो कभी अपने दरबारियों को भेज देते थे। मान हवेली छिनने के बाद मुगल बादशाह से उसकी तल्खियां और बढ़ गई थीं। शाहजहां को भी इस बात का एहसास हुआ और इन तल्खियों को दूर करने के लिए ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू होने के पूरे एक साल बाद 18 दिसंबर 1633 में शाही फरमान जारी कर राजा जयसिंह को मान हवेली के बदले राजा भगवान दास की हवेली, माधो सिंह की हवेली और रूप सिंह की हवेलियां सौंपी थी।
यह भी पढ़ें

कोटा के शाही दशहरे में 187 साल तक शर्मसार होती रही जयपुर रियासत

जयसिंह ने रुकवाना चाहा था ताजमहल का निर्माण

डॉ. शहंशाह बताते हैं कि मुगल बादशाह शाहजहां की ओर से राजा जयसिंह को जारी किए गए फरमानों से सबसे बड़ा चौंकाने वाला खुलासा यह होता है कि राजा जयसिंह ने ताजमहल का निर्माण कार्य रुकवाने की भी कोशिश की थी। 21 जून 1637 को जयसिंह के लिए शाहजहां की ओर से जारी किए गए फरमान से पता चलता है कि जयसिंह के लोगों ने संगमरमर की खुदाई में लगे मजदूरों और संतराशों को खदानों में जाने से रोक दिया था। जिससे पत्थर निकालने का काम लगभग रुक गया था। मुगल बादशाह शाहजहां को जब इस बात की जानकारी हुई तो वह खासा नाराज हुआ था। फारसी में जारी इस फरमान में शाहजहां ने लिखा है कि ‘आपके (राजा जयसिंह) के आदमी उस तरफ की सीमाओं के पत्थर काटने वालों को आमेर और राजनगर में एकत्र कर रहे हैं। इस कारण पत्थर काटने वाले मकराना (नागौर) कम पहुंच रहे हैं। अतः वहां पर कार्य बहुत कम ही होता है। इसलिए हम आदेश देते हैं कि आप अपने व्यक्तियों को निर्देश दें कि वे आमेर और राजनगर में पत्थर काटने वालों को बिल्कुल भी ना रोकें और जितने भी संगतराश वहां पहुंचे उनको मकराना के अधिकारियों के पास भेज दें। आप इस विषय में पूरी ताकीद जानकर किसी भी हाल में आदेशों की अवहेलना ना करें। इसे अपना उत्तरदायित्व समझें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो