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RTE: आयु सीमा में बदलाव से बाहर हो जाएंगे 1 लाख स्टूडेंट

राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूल में आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश लेने वाले बच्चों की आयु सीमा में बदलाव दिया गया। आयु सीमा में बदलाव से आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश को लेकर प्रदेश के 1 लाख स्टूडेंट बाहर हो जाएंगे। राजस्थान में शिक्षा के अधिकार के तहत पिछली मर्तबा निजी स्कूलों की चार कक्षाओं में एडमिशन लिया गया था, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है।

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कोटा

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Abhishek Gupta

Apr 20, 2024

rte

राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूल में आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश लेने वाले बच्चों की आयु सीमा में बदलाव दिया गया। आयु सीमा में बदलाव से आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश को लेकर प्रदेश के 1 लाख स्टूडेंट बाहर हो जाएंगे। राजस्थान में शिक्षा के अधिकार के तहत पिछली मर्तबा निजी स्कूलों की चार कक्षाओं में एडमिशन लिया गया था, लेकिन इस बार राज्य सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है।

अब सात साल से कम

इसके तहत प्री प्राइमरी-3 और फर्स्ट क्लास में ही एडमिशन हो सकेंगे। जिसके तहत 3 वर्ष या उससे अधिक, लेकिन 4 वर्ष से कम आयु के छात्र प्री प्राइमरी-3 में और 6 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 7 वर्ष से कम आयु के छात्र पहली क्लास में एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकेंगे। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि आयु की गणना 31 जुलाई 2024 को आधार मानकर की जाएगी। जबकि पिछली बार निजी स्कूलों में आरटीई में नि:शुल्क प्रवेश को लेकर आयु सीमा नर्सरी की 3 से 4 साल तक तथा प्रथम की 5 से 7 वर्ष तक थी। इस बार आयु सीमा में बदलाव से प्रदेश के करीब 1 लाख स्टूडेंट आवेदन नहीं कर पाएंगे।

25% सीटें नि:शुल्क

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी की गई सूचना में स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत गैर सरकारी विद्यालयों में एंट्री लेवल कक्षा की 25%सीटे दुर्बल वर्ग एवं असुविधा ग्रस्त समूह के बालक बालिकाओं को प्रवेश देकर कक्षा 8 तक नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। राज्य में लगभग 40000 गैर सरकारी विद्यालय संचालित है। वर्ष 2024-25 आरटीई प्रवेश के लिए अभ्यर्थी 29 अप्रेल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 1 मई को लॉटरी निकाली जाएगी। 8 मई तक पेरेंट्स को ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी। प्रदेश के 2 लाख छात्रों को प्राइवेट स्कूलों में फ्री में एडमिशन मिलेगा।

9 से 12वीं तक भी कर सकेंगे शिक्षा ग्रहण

आरटीई के तहत प्रवेशित 9वीं से 12वीं कक्षा तक की बालिकाएं इन्दिरा शक्ति निधि के तहत शिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, 9 से 12वीं तक बालक मुख्यमंत्री पुनर्भरण योजना में शिक्षण कार्य कर सकेंगे। यह लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा, जो पूर्व में आरटीई में पंजीकृत है। कक्षा 9वीं में किसी भी स्कूल में प्रवेश के उपरान्त बालक को विद्यालय की फीस पूरी देनी होगी, लेकिन विभाग के सत्यापन उपरान्त विद्यालय फीस का 10 प्रतिशत या यूनिट कॉस्ट के आधार पर मां के खाते में करेगी।