
कोटा.
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के आहरण-वितरण अधिकार छिने जाने के बाद ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों से शिक्षा विभाग ने एक और काम छीन लिया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश की पुनर्भरण राशि के भुगतान का काम अब बीईईओ नहीं करेंगे। यह जिम्मेदारी डीईईओ प्रारंभिक को दी गई है। जिले में आठवीं तक के निजी स्कूलों को यह भुगतान अब तक बीईईओ कार्यालय के जरिए हो रहा था। निजी स्कूलों को चालू सत्र 2017-18 की पुनर्भरण राशि का भुगतान बीईईओ के जरिए नहीं होगा। माध्यमिक शिक्षा के अधीन आने वाले स्कूलों को पुनर्भरण भुगतान माध्यमिक डीईओ ही करता है। विभाग का मानना है कि जब माध्यमिक शिक्षा में यह काम डीईओ कर रहे तो प्रारंभिक शिक्षा में भी डीईओ ही करे।
रजिस्टर्ड डाक से भेजने होंगे बिल
जिले में 1044 प्रारंभिक व माध्यमिक निजी स्कूल हैं। आरटीई के तहत कार्यालय से सत्यापित स्कूल अपना क्लेम बिल ऑनलाइन जनरेट करेंगे। फिर पुनर्भरण के लिए ये बिल रजिस्टर्ड डाक से डीईओ कार्यालयों में ही भिजवाने होंगे। डाक रजिस्ट्री के नम्बर पोर्टल पर अपलोड करने के बाद कार्यालय को वह स्कूल पोर्टल पर दिखाई देगा और भुगतान मिल सकेगा। किसी भी स्थिति में फीस पुनर्भरण की सत्र 17-18 यूनिट कोस्ट 13,754 रुपए प्रति विद्यार्थी से अधिक नहीं होगी।
प्रारंभिक शिक्षा आरटीई प्रभारी ध्वज शर्मा का कहना है कि आरटीई के कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। बीईईओ की जगह अब संबंधित डीईओ पुनर्भरण करेंगे। स्कूलों को अपनी आगामी वार्षिक फीस भी अपलोड करनी होगी। उसी के बाद पुनर्भरण होगा।
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पुस्तकों के लिए अब 191 रुपए
आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों की पाठ्यपुस्तकों की राशि का भुगतान 110 रुपए दिया जाता था। सरकार ने इसे 81 रुपए बढ़ाकर अब 191 रुपए कर दिया है।
यह भी करना होगा
जिन निजी स्कूल को खाते में बदलाव या इसे अपडेट करना है तो प्रथम किस्त 17-18 क्लेम निकालने से पहले ही कर सकते हैं, बाद में नहीं होगा।
सत्र 17-18 का क्लेम बिल निकालने से पहले सत्र 18-19 की वार्षिक फीस अपलोड करनी होगी, तभी क्लेम बिल निकलेगा।
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सभी बीईईओ व निजी स्कूल सत्र 15-16 व 16-17 के बकाया फीस पुनर्भण बीईईओ स्तर पर लम्बित हैं तो उसे तत्काल पूरा करवाना होगा। उसके बाद ही जिला स्तर से सत्र 17-18 की प्रथम किस्त का भुगतान होगा।
Updated on:
16 Jan 2018 02:17 pm
Published on:
16 Jan 2018 01:49 pm
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