
कोटा . 9 अक्टूबर 2014 की वह शाम घर की लैंडलाइन पर एक फोन की घंटी ने परिवार की सांसें हिलाकर रख दी। जब माता-पिता को पता चला की उनके लाल का किसी ने अपहरण कर लिया और फिरोती के दो करोड़ रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी से पूरा परिवार दहशत में आ गया। हम बात रहे हैं रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकांड की।
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साढ़े तीन साल बाद सोमवार 2018 की शाम मासूम के माता-पिता व कोटावासियों के लिए इंसाफ लेकर आई। कोटा की एससी एसटी अदालत के न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने मुख्य आरोपित अंकुर पाडिय़ा को फांसी की सजा से दण्डित किया। अंकुर के भाई अनूप पहाडिय़ा को उम्रकैद, महावीर को 4 साल व करणजीत सिंह को 2 साल की सजा से दण्डित किया है।
पार्क से किया अपहरण
जवाहर नगर थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी तलवंडी स्थित पार्क से 9 अक्टूबर की शाम बैंक मैनेजर पुनीत हांडा के सात वर्षीय बेटे रुद्राक्ष का आरोपित अंकुर पहाडिय़ा ने अपहरण कर लिया था। समय पर बेटा घर नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। इसी बीच आरोपित ने लैंडलाइन पर फोन कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। रुपए नहीं देने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी दी। परिजनों की सूचना पर पुलिस हरकत में आ गई। तत्कालीन आईजी डॉ. रविप्रकाश ने स्पेशल टीम गठित कर जांच में जुट गई। पुलिस ने क्षेत्र के मकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक कार को चिह्नित किया। जिसकी सरगर्मी से तलाश की और रेंजभर में नाकाबंदी कर कार तक पहुंचने का प्रयास किया।
कुछ दिनों से रैकी कर रहा था अपहर्ता
पुलिस जांच में सामने आया की अपहर्ता तीन-चार दिन से रोजाना पार्क में आ रहा था और सभी बच्चों से स्पेलिंग वगैरह पूछता था। टॉफी भी खिलाता था। रूद्राक्ष को वो अपने साथ ले गया। इसकी पुष्टि पार्क में खेल रहे बच्चों ने की। इसके अलावा सीसीटीवी में संदिग्ध कार को पहचाना और कहा कि यह कार उक्ïत व्यक्ïित लेकर आता था।
Published on:
26 Feb 2018 09:32 pm
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