
कोटा। देश में सबसे बड़ी समस्या आज बेरोजगारी है। ऐसे में डिग्रीधारकों को कोई सी भी सरकारी नौकरी मिलती है तो वह पीछे नहीं हटते हैं। यही स्थिति नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में सामने आई है। अब शहर में स्मार्ट सफाई कर्मी नजर आएंगे, जो फरार्टेदार अंग्रेजी बोलेंगे। डॉक्टर से लेकर एमए, बीए डिग्रीधारक भी वार्डों में सफाई करेंगे। हालांकि डिग्रीधारक सफाई कर्मचारियों की वार्डों में नियुक्ति होते ही पार्षदों की भौंहे तन गई है और विरोध की रणनीति में जुट गए हैं।
निगम आयुक्त डा. विक्रम जिंदल ने सोमवार को 800 सफाई कर्मचारियों को सेक्टर आवंटित कर दिए हैं। सेक्टर कार्यालयों में अपनी ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिए गए हैं। इन सफाई कर्मचारियों में एक वैद्य भी शामिल है। इसके अलावा कुछ सफाई कर्मचारी स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रीधारक भी है।
न दहेज लेंगे और न देंगे
नए सफाई कर्मचारियों को निगम ने सामाजिक बंधनों में भी बांध दिया है। निगम ने नए सफाई कर्मचारियों से खुद की शादी व बच्चों के विवाह में न दहेज लेने और न देने का शपथ पत्र भी लिया है। इसका उल्लंघन करने पर नियुक्ति रद्द करने की बात कही गई है। इसके अलावा सेवा शर्तों में 1 जून 2002 के बाद तीसरी संतान नहीं होने का शपथ पत्र भी मांगा गया है।
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हर विधानसभा के दो-दो सेक्टरों में लगाया
नए सफाई कर्मचारियों को लगाने में भी राजनीतिक दृष्टिकोण भी रखा गया है। इसके चलते कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र के दो-दो सेक्टर में सफई कर्मचारियों को लगाया गया है। सेक्टर 1,2, 9,10 तथा 14, 15 में सफाई कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने के आदेश दिए गए हैं। इसमें करीब 30 वार्ड आ गए हैं।
पार्षद हुए लामबद्ध
800 नए सफाई कर्मचारियों की चार सेक्टरों में लगाने के आदेश जारी करने के दूसरे दिन मंगलवार को ही उक्त चारों सेक्टरों के अधीन आने वाले पार्षद लामबद्ध हो गए हैं। आधा दर्जन पार्षदों ने बैठक कर शहर के सभी वार्डों में समानुपात में स्थायी कर्मचारियों को लगाने की मांग पर चर्चा की है। इस मसले को लेकर चारों सेक्टर के सभी वार्डों की बुधवार को बैठक बुलाने का निर्णय किया है।
इस बैठक में आगे की रणनीति के बारे में चर्चा की जाएगी। पार्षदों का कहना है कि एक साथ नए कर्मचारी लगाने से वार्ड की सफाई व्यवस्था चौपट हो जाएगी और नए सफाई कर्मचारियों को वार्ड की भौगोलिक स्थिति का भी पता नहीं है। इसलिए सभी वार्डों में स्थायी कर्मचारियों का समानीकरण किया जाए। पार्षदों ने गुप्त बैठक में यह भी सवाल उठाया कि पूरे स्थायी सफाई कर्मचारी लगाने की शुरुआत महापौर व उपमहापौर के वार्ड से होनी चाहिए।
Published on:
17 May 2018 09:57 am
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