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व्यंग्य: खाकी का ‘क्राइम टूरिज्म’

गेस्ट राइटर डॉ. आदित्य जैन 'बालकवि' द्वारा लिखित व्यंग्य: खाकी का 'क्राइम टूरिज्म'।

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कोटा

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abhishek jain

Mar 09, 2018

Kota Police

गेस्ट राइटर डॉ. आदित्य जैन 'बालकवि' द्वारा लिखित व्यंग्य: खाकी का 'क्राइम टूरिज्म'।

सुन भोला, हां गोला.. फटाफट पैकिंग कर...साहब का ऑर्डर आया हैं। ढूंढऩे के नाम पर घूमने का मस्त प्लान बनाया है। अच्छा...लेकिन गोला.. अपराधियों की तलाश में हमें बाहर क्यों जाना है..? अरे यार भोला... तू टेंशन मत ले... अपराधियों का तो सिर्फ बहाना है। अपन को तो महीने भर टाइमपास करके आना है। वैसे भी तुझे तो सिस्टम पता ही है... अपने यहां काम के टाइम पर काम करना सख्त मना है। अरे पगले...अपराधियों की तलाश तो अपने विभाग की 'पर्यटन योजना' है, क्योंकि उम्मीद असंभव है... नाकामी तय है। इसीलिए आजकल अपराधियों में विश्वास और आमजन में भय है।

लेकिन गोला... चोर इतना सारा सोना कुतर गए। अपन को जानकारी दिए बिना ही अपराध कर गए। यार... ऐसे तो अपनी 'इनकम' घट जाएगी। पब्लिक के बीच तो अपनी नाक ही कट जाएगी। अरे भोला... तू कब समझेगा... हवा किधर भी बहे सांस तो जनता की ही घुटनी है। तलाश किसी की भी हो, 'लाश' तो कानून की ही उठनी है, क्योंकि बेचारे कानून के हाथ तो लंबे हैं... लेकिन टांगे छोटी-छोटी हैं। टाइट बेल्ट के नीचे ढीली लंगोटी है। बेशर्मी के छेदों पर है बहाने के टांके। ताकि अंदर की असलियत बाहर न झांके। ऊपर से 54 इंची कमर पर 55 इंची तोंद तो अपनी मुस्तैदी का जीता जागता स्मारक है, लेकिन तू किसी को बताना मत... 'थाना' आजकल आम आदमी की सेहत के लिए हानिकारक है।

साहब ने सबको हिदायत देकर कहा है.... कोई चिल्लाए तो चिल्लाने दो। जनता भाड़ में जाए जाने दो। अपन तो घूमो.. फिरो.. खाओ..पियो...ऐश करो। बस अपराधी को पकड़ कर मत पेश करो। वरना इस 'ऑफिशियल पिकनिक' से हाथ धो बैठोगे और पछताओगे। फिर टाइमपास करने के नए नए बहाने कहां से लाओगे?

लेकिन गोला... अपनी आंखों पर तो पट्टी बंधी है.. फिर अपन अपराधियों को कैसे ताड़ेंगे? जो गए थे उनसे ही कुछ नहीं हुआ...तो अपन कौन से नया झंडा गाड़ेंगे? अरे भोला... तू डरता क्यों है.?.. भेष बदलने में अपन क्या किसी से कम हैं। ऐसा भेष बदलेंगे कि वो खुद कंफ्यूज हो जाएंगे... बदमाश वो है या हम हैं। फिर भी अपराधी नही मिलें तो हिम्मत नहीं हारेंगे। और जनता के बीच जाकर बिहारी भाषा में शेखी बघारेंगे.. अपनी बहादुरी के किस्से सुनाएंगे... और शान से दोहराएंगे... कि हम अपराधियों को नहीं छोड़ेंगे, बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे, पक्का नहीं छोड़ेंगे.... हां.. पहले पकड़े तो सही।