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Big News: कोटा के स्टूडेंट्स ने राजस्थान सरकार को लगा दिया लाखों का चूना

कोटा जिले के 154 विद्यार्थियों ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठा ली।

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कोटा

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Zuber Khan

Mar 08, 2018

kota

कोटा . कोटा जिले के 154 विद्यार्थियों ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति उठा ली। विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब भामाशाह व आधार कार्ड से छात्रवृत्ति योजना को जोड़ा तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

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सिर्फ कोटा जिले में ही नहीं प्रदेशभर में करीब 5 हजार विद्यार्थियों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर छात्रवृत्ति उठाई है। विभाग अब विद्यार्थियों से राशि वसूलने में जुटा है। विभाग ने संस्थाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को नोटिस भेजे हैं और छात्रवृत्ति के रूप में ली गई राशि लौटाने को कहा है।

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जानकारी के अनुसार इन छात्रों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र देकर छात्रवृत्ति उठाई। कई विद्यार्थियों ने तो माता-पिता के सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर छात्रवृत्ति का लाभ लिया। इन विद्यार्थियों ने वर्ष 2015-16 में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था।


वसूले 7 लाख से अधिक
विभाग की ओर से नोटिस देने के बाद कुछ विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति वापस लौटाई है। विभाग ने जिले में 154 विद्यार्थियों में से 34 से वसूली कर ली है। इनसे अब तक 7 लाख 82 हजार 887 रुपए वसूले गए हैं।

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करेंगे कार्रवाई
जिन विद्यार्थियों ने नोटिस के बावजूद राशि नहीं लौटाई, उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। साथ ही, उनके माता-पिता व संस्था प्रधानों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ऐसे छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएगा। इसकी तैयारी कर ली है।

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यह है योजना

उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत राजकीय व मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में नियमित पढऩे वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति व विषेश पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को सरकार छात्रवत्ति देती है। इसके लिए परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह आय 1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर आधार कार्ड की प्रति के साथ सम्बन्धित शिक्षण संस्थान के जरिए आवेदन करना होता है। आवेदन के साथ जाति, मूल निवास व आय प्रमाण पत्र, फीस की मूल रसीद, बैंक पासबुक की प्रति व अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होते हैं। दस्तावेज की जांच के बाद ही छात्रवृत्ति मिलती है।

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एफआईआर कराएंगे
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक राकेश वर्मा ने बताया कि जिन छात्रों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर गलत ढंग से छात्रवृत्ति उठाई, उन्हें नोटिस भिजवाया गया है। ऑनलाइन पोर्टल से भामाशाह कार्ड व आधार कार्ड लिंक होने के बाद यह मामला सामने आया है। अब वसूली की जा रही है। कुछ विद्यार्थियों से राशि वसूल ली। जिन विद्यार्थियों ने राशि नहीं लौटाई, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।