कोटा. भारतीय रेल में मैक इन इंडिया परियोजना के तहत तैयार की गई सेमी हाईस्पीड ट्रेन-18 के रैक की रफ्तार का परीक्षण शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन कोटा से सवाईमाधोपुर के बीच अधिकतम 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाया गया। यह गाड़ी अपने पहले रफ्तार परीक्षण के दौरान 160 किलोमीटर की गति से बिना किसी दिक्कत के दौड़ी। इसे रेलवे की ओर से बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
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अब तक देश में सिर्फ गतिमान एक्सप्रेस ही 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चल सकी है। परीक्षण के दौरान न तो कोई झटका लगा, न कोई कंपन की आवाज हुई। स्पीड परीक्षण में सफ ल होने के बाद इस गाड़ी को चलाने की अनुमति के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त को पत्र लिखा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही यात्री परिवहन के लिए इसका उपयोग होगा। इसका ट्रायल लगातार पांच दिनों तक शामगढ़-कोटा-सवाईमाधोपुर रेलखंड में किया जाएगा। अधिकतम 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाया जाएगा। परीक्षण के लिए आरडीएसओ की टीम छह दिनों से कोटा में जुटी हुई है। यह ट्रेन जब स्टेशनों से गुजरी तो लोगों ने उत्सुकता से देखा।
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यह पहली इंजन रहित ट्रेन
यह पहली इंजन रहित ट्रेन है। मेट्रो की तरह ट्रेन के दोनों तरफ ड्राइवर केबिन हैं। इससे ट्रेन के इंजन को दिशा बदलने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। 2019-20 तक ऐसी 5 ट्रेनों का निर्माण कर लिया जाएगा। यह ट्रेन शताब्दी ट्रेनों को रिप्लेस करेगी। ट्रेन में 16 कोच होंगे, जिनमें 12 कोच एसी सामान्य चेयरकार होंगे और दो कोच एग्जिक्यूटिव क्लास के होंगे। सामान्य चेयरकार में 78 सीटें होंगी, जबकि एग्जिक्यूटिव क्लास में 52 सीटें होंगी।