
कोटा .
प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के विरोध में कर्मचारियों ने जिला कलक्टर पर प्रदर्शन किया। साथ ही वेतन आयोग के आदेशों की होली जलाई। वहीं सरकार से मांग की है कि केंद्रीय कर्मचारियों व अधिकारी केडर के अनुसार उन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाना चाहिए।
यहां हुए प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सहायक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूरणमल वैष्णव ने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्रीय कर्मचारियों व राज्य सेवा के अधिकारियों के लिए भी लागू की गई है। लेकिन राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के लिए यह सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि राज्य सेवा के अधिकारी वर्ग के लिए 1 अक्टूबर 2017 से लागू करने के आदेश जारी किए है।
राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष नजीम पठान ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों, राज्य सेवा के अधिकारियों के समान कर्मचारियों, सहायक कर्मचारियों को भी उनका हक मिलना चाहिए। इसके लिए प्रदेश के सभी कर्मचारियों को भले ही सड़क पर क्यों न उतरना पड़े।
मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
7वें वेतन आयोग की सिफारिशे 1 अक्टूबर 2017 से लागू करने के विरोध में राजस्थान सहायक कर्मचारी परिषद के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। साथ ही इन सिफारिशों पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
परिषद के प्रदेश महामंत्री महेंद्र रावल, जिलाध्यक्ष बाबूलाल भाट ने बताया कि 7वें वेतनमान की सिफारिशों को हरियाणा, गुजरात, यूपी, एमपी आदि राज्यों में राज्य सरकारों ने 1 जनवरी 2016 से लागू किया है। जबकि प्रदेश में इसे 1 अक्टूबर से लागू कर कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान किया जा रहा है। प्रदेश कोषाध्यक्ष पुरूषोत्तम वैष्णव, उपाध्यक्ष महावीर डाबी, महावीर पारेता, हेमराज सेन, ज्ञानचंद वैष्णव, अब्दुल हकीम आदि ने कहा कि इन सिफारिशों में संशोधन नहीं किया गया तो कर्मचारियों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
Published on:
02 Nov 2017 06:27 pm
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