
शिवपुरी धाम (फोटो: पत्रिका)
Shiv Puri Dham: सावन की शुरुआत के साथ ही रजथान के ऐतिहासिक शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। इन दिनों कोटा के शिवपुरी धाम में रोज भक्तों का मेला लग रहा है। थेगड़ा क्षेत्र में नहर किनारे स्वास्तिक के रूप में 525 शिवलिंग स्थापित हैं। यह स्थान नागा बाबा राणारामपुरी महाराज की तपोभूमि रही है। उन्होंने पशुपतिनाथ के दर्शन के दौरान संकल्प लिया था कि कोटा में एक ऐसा स्थान बनाएंगे, जहां एक साथ सैकड़ों श्रद्धालु शिव पूजन कर सकें। इस संकल्प को लेकर उन्होंने द्वादश शिवलिंगों की स्थापना करवाई।
उनके निधन के बाद वर्ष 2007 में उनके शिष्य संत सनातन पुरी ने अपने गुरु के संकल्प को पूरा किया और 525 शिवलिंगों की स्थापना करवाई। धाम में 14 फीट ऊंचा, साढ़े 14 टन वजनी सहस्त्र शिवलिंग है। इसका व्यास 6 फीट है। यहां भैरव, अन्नपूर्णा, भगवान दत्तात्रेय, राणारामपुरी महाराज, भगवान गणपति की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। राणारामपुरी महाराज की पुण्यतिथि, शिवरात्रि व सावन माह में यहां विशेष आयोजन होते हैं।
कोटा देश के प्रमुख बड़े शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। कोटा जंक्शन से थेगड़ा शिवपुरी धाम 8.5 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से छावनी चौराहे तक सिटी बस और वहां से थेगड़ा तक ऑटो से जा सकते हैं। स्टेशन से निजी वाहन से भी जा सकते हैं।
कोटा का ही अन्य मंदिर गरडिया महादेव मंदिर चंबल नदी के तट पर लगभग 500 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यहां हरियाली और पानी के साथ पक्षियों की चहचहाहट इस स्थान को और खूबसूरत बना देती है। बहते झरने की आवाज सुनने के लिए लोग घंटों यहां बैठ जाते हैं। मानसून के मौसम में यहां का नजारा सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। सावन में यहां भी लोग घूमने के साथ शिव पूजन के लिए आते हैं
Published on:
15 Jul 2025 12:21 pm
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