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ये है राजस्थान का अमरनाथ, धरती से 3955 फीट ऊंचाई पर विद्यमान है शिव मंदिर, गोमुख से ‘गंगा’ प्रवाहित होकर करती है प्राकृतिक अभिषेक

Parshuram Mahadev Mandir: शिवलिंग के दर्शनार्थ वर्षभर में 10 से 15 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि गुफा में मौजूद महादेव को समर्पित इस प्राचीन मंदिर को खुद भगवान परशुराम ने बनाया था।

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पाली

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Akshita Deora

Jul 14, 2025

परशुराम शिव मंदिर (फोटो: पत्रिका)

Sawan 2025: सावन शुरू होते ही राजस्थान के अमरनाथ धाम माने जाने वाले परशुराम महादेव मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। पाली मारवाड़ के सादड़ी कस्बे से 14 किलोमीटर दूर पाली-राजसंमद जिले की संयुक्त सीमा व प्राचीन अरावली पर्वतमाला पर धरती से 3955 फीट ऊंचाई पर विद्यमान परशुराम महादेव मंदिर प्रगाढ़ आस्था का केन्द्र हैं।

यहां शिवलिंग के दर्शनार्थ वर्षभर में 10 से 15 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि गुफा में मौजूद महादेव को समर्पित इस प्राचीन मंदिर को खुद भगवान परशुराम ने बनाया था। यह भगवान परशुराम की तपोभूमि रही है। यहां उन्होंने महादेव की कठोर तपस्या की। शिवलिंग के ऊपर स्थित गोमुख से गंगा प्रवाहित होती है। आज भी गोमुख से निकलने वाली पवित्र जल की बूंदें प्राकृतिक शिवलिंग का अभिषेक करती हैं।

बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस महान तीर्थ स्थल के दर्शनार्थ आते हैं। परशुराम कुंड को पुष्कर तीर्थ के सदृश्य माना है। कहा जाता है कि चारों धाम की यात्रा के बाद परशुराम महादेव के दर्शन चार धाम की यात्रा को पूर्णता प्रदान करता है। श्रावण और भाद्रपद मास में यहां मेला लगता है।

ऐसे पहुंचे

परशुराम महादेव मंदिर उदयपुर से करीब 100 किलोमीटर और कुम्भलगढ़ से 10 किलोमीटर दूर है। सादड़ी कस्बे से परशुराम कुंडधाम तक 13 किलोमीटर सड़क एवं कुंडधाम से 2 किमी पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। मेवाड़ मार्ग से सायरा, कुम्भलगढ़ व केलवाड़ा से बस सेवा सुलभ है। पाली जिला मुख्यालय से सादड़ी तक बस सेवा उपलब्ध है। जयपुर से सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।