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70 करोड़ का काम क्या सात कारीगरों से करवाओगे

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दशहरा मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने के कार्य का शुक्रवार को निरीक्षण किया।

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Pragati maidan

कोटा .

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दशहरा मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने के कार्य का शुक्रवार को महापौर महेश विजय, मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा और समिति सदस्यों ने औचक निरीक्षण किया।

कार्य की कछुआ चाल देख महापौर इतने नाराज हुए कि उन्होंने ठेकेदार से कह दिया कि 70 करोड़ का काम क्या 7 कारीगरों से करवाना चाहते हो। काम की निगरानी में लापरवाही पर उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारियों से भी कड़ी नाराजगी जताई। मेला समिति ने अब निर्णय किया है कि हर 15 दिन में प्रगति मैदान के कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

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मौके पर बुलाए अफसर
टीम दशहरा मैदान पहुंची तो सभी चकित रह गए। मेला समाप्ति के बाद से अब तक महज 4 से 5 प्रतिशत काम हुआ। महापौर ने तुरंत स्मार्ट सिटी मिशन के अभियंताओं को बुलाया। अधिशासी अभियंता नरेंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता केएम शर्मा व सहायक अभियंता बीएल सैनी मौके पर पहुंचे। मित्रा ने कार्य की धीमी गति पर ठेकेदार को खरी-खोटी सुनाई।

निरीक्षण के दौरान पार्षद नरेंद्र सिंह हाड़ा, रमेश चतुर्वेदी, महेश गौतम लल्ली, प्रकाश सैनी, कृष्णमुरारी सामरिया, भगवान स्वरूप गौतम, मीनाक्षी खंडेलवाल, मोनू कुमारी उपस्थित रहे।उधर, मेला समिति के दौरे के बाद प्रशासन भी सक्रिय हो गया। जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, निगम आयुक्त विक्रम जिंदल ने अधिकारियों के साथ दशहरा मैदान के निर्माण कार्यों का जायजा लिया।

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मंजूरी मिलने में देरी!
महापौर और मेला समिति सदस्यों ने सवाल जवाब किए तो अभियंता संतोष जनक उत्तर नहीं दे सके। निरीक्षण के दौरान ही अधीक्षण अभियंता प्रेमशंकर शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी स्वीकार किया कि काम की गति बेहद धीमी है। इतने में ठेकेदार फ र्म के अधिकारी भी वहां गए। महापौर ने उनसे पूछा तो उन्होंने डिविएशन की मंजूरी में देरी और बजरी की कमी कारण बताया।

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पाइपलाइन के इंच घटाए, दुकानों की ऊंचाई
निरीक्षण में खुलासा हुआ कि फूड कोर्ट में ड्रेनेज के लिए 10 इंच की बजाय मात्र 6 इंच के पाइप डाल दिए गए हैं। यही नहीं, फूड कोर्ट और प्रदर्शनी स्थल पर छत की ऊंचाई 10 फीट करने के निर्देश थे, लेकिन सभी दुकानों की छत 9 फीट बना दी गई है।


दो टूक चेतावनी दी

महापौर और मित्रा ने स्मार्ट सिटी के तीन अभियंताओं और ठेकेदार फ र्म को दो टूक चेतावनी दी कि यदि मेले का स्वरूप इस वर्ष भी बिगड़ा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हर हालत में जून के अंत तक पूरा करें।