
Smuggling of liquor in Rajasthan
सीमावर्ती क्षेत्रों में आबकारी विभाग के थानों में शराब तस्करी रोकने के लिए पर्याप्त महकमा भी नहीं है। भवानीमंडी सर्किल में पिड़ावा तहसील शामिल है जिसमें सीआई का एक मात्र पद है जबकि गंगधार व पचपहाड़ में तहसील सर्किल में सीआई व प्रहराधिकारी के पद रिक्त पड़े हैं। दोनों सर्किल में दो बाबू कार्यरत है। पिड़ावा, गंगधार व भवानीमंडी सर्किल में शराब तस्करी रोकने के लिए मात्र 17 सिपाहियों को जाप्ता है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
कम रेट में मिलती है शराब
राजस्थान में शराब मध्यप्रदेश के मुकाबले 100 से 150 प्रति बोतल कम रेट में मिलती है। जबकि राजस्थान की शराब की मध्यप्रदेश व गुजरात में काफी डिमांड है। सबसे अधिक शराब तस्करी गंगधार से होती है। यहां शराब तस्करों ने बीयर व नकली शराब बनाने की फैक्ट्रियां तक लगा रखी है। करीब दो साल पहले भी गंगधार तहसील के गांव में पूरी शराब फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जिसमे कई सफेद पोश व इस तस्करी से जुड़े नामचीन लोगों के नाम सामने आए थे।
अपना क्षेत्र भी नहीं संभाला गया
आबकारी निरोधक दल ना तो अन्तरराज्यीय शराब तस्करी रोक पा रहा है। ना ही स्थानीय स्तर पर दुकाब की दुकानों का गोरखधंधा। तीनों गंगधार, पिड़ावा व पचपहाड़ तहसीलों में 54 कम्पोजिट, 7 देशी शराब व 3 अंग्रेजी शराब की दुकानें है एवं पचपहाड़ तहसील में 151, पिड़ावा में 220 व गंगधार तहसील में 195 गांव कुल 566 गांव है। स्वीकृत दुकानों के अलावा करीब करीब सभी गांवों में आबकारी पुलिस की अनदेखी के चलते देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानें अवैध रुप से संचालित है। जिससे गांव-गांव में शराब की बिक रही है।
आखिर सरकार को भी बेचनी है शराब
झालावाड़ के जिला आबकारी अधिकारी सत्यनारायण अमेठा ने कहा कि शराब तस्करी रोकने के लिए मुखबीर लगा रखे हैं। अधिकांश गांवों में शराब की दुकानें एजेंटों ने लगा रखी है। यह काम अवैध है, लेकिन आखिर सरकार को शराब भी बेचनी है। वैसे शिकायत पर ही पुलिस कार्रवाई करती है। सभी जगह कार्रवाई करना संभव नहीं है। गंगधार में शीघ्र ही सीआई लगाया जाएगा।
Published on:
04 Oct 2017 04:22 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
