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video: आरटीयू परिसर में छात्रों का धरना, मेन गेट किया बंद

समय पर परीक्षा करवाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवि परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने मेन गेट को बंद कर दिया। जाम के हालात बनने पर सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। छात्रों ने बताया कि जब तक उनकी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे। धरना सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक जारी रहा।  

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कोटा

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Abhishek Gupta

Oct 12, 2022

समय पर परीक्षा करवाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवि परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने मेन गेट को बंद कर दिया। जाम के हालात बनने पर सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। छात्रों ने बताया कि जब तक उनकी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे। धरना सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक जारी रहा।

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बीटेक छात्रों ने बताया कि छठे सेमेस्टर की परीक्षा अब तक नहीं हुई। जबकि यह परीक्षा जून-जुलाई में हो जानी थी। अब आरटीयू प्रशासन नवंबर में करवाने जा रहा है। जब उनके उन्हें प्रतियोगी परीक्षा देने, एनसीसी, इंटर्न, इण्डस्ट्रीयल ट्रेनिंग व सेमिनार का समय आएगा। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा या ट्रेनिंग देंगे। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं हो चुकी है। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ही ऐसा विवि है, जो समय पर फीस लेने के अलावा कोई काम समय पर नहीं हो रहा है। छात्रों ने बताया कि कब वह परीक्षा देंगे,कब ग्रेजुएट होकर डिग्री उनके हाथ में आएगी। डिग्री हाथ में आने के बाद ही वे नौकरी के लिए प्रयास कर सकेंगे।

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छात्रों ने बताया कि आरटीयू परिसर में हॉस्टल नंबर पांच नया बनाया है,लेकिन उसके सामने न तो सड़क है और न रोड लाइटें है। उबड़-खाबड़ रास्ते व अंधेरे में ही छात्रों को आना-जाना पड़ता है। जबकि विवि प्रशासन की ओर से डवपलमेंट के नाम पर विकास शुल्क वसूला जाता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ उपलब्ध करवाया जा रहा है। विवि परिसर में वाईफाई की सुविधा भी नहीं है। तकनीक की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को नोट समेत डिजिटल कंटेंट के लिए नेट की जरूरत होती है, लेकिन विद्यार्थी मोबाइल में उपलब्ध नेट का डेटा खत्म होने के बाद इंटरनेट एक्सेस नहीं कर सकते है। वीसी के विवि में नहीं होने से विवि प्रशासन के अधिकारियों ने छात्रों से समझाइश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।