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स्मार्ट क्लास में बदलेगा पढ़ाई का पैटर्न

बड़े शहरों में पढ़ाई के तौर-तरीके बदलते जा रहे हैं। ऐसा अब बारां जैसे छोटे शहरों में भी होने जा रहा है।

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Shailendra Tiwari

Nov 29, 2016

बड़े शहरों में पढ़ाई के तौर-तरीके बदलते जा रहे हैं। ऐसा अब बारां जैसे छोटे शहरों में भी होने जा रहा है। किताबों के सहारे पढ़ाई करते आ रहे बच्चे अब ई-लर्निंग के माध्यम से कम्प्यूटर पर भी खेल-खेल में पाठ्यक्रम से जुड़ी शिक्षण सामग्री से जुड़कर ज्ञानवद्र्धन कर पाएंगे।

जिले में आईसीटी (इन्फोरमेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी) योजना के तहत पूर्व से 105 विद्यालयों में संचालित लैब अब स्मार्ट क्लास में बदल रही है। यहां कक्षा 9 व 10वीं के बच्चे कम्प्यूटर के माउस पर हाथ चलाते हुए ई-लर्निंग की राह पर बढ़ेंगे। पूर्व के 105 व अब नए 10 और विद्यालयों में ये स्मार्ट क्लास चलेंगी और ये सब होगा प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत।

पढ़ाई के बाद आकलन भी

कक्षाओं में बैठकर किताबों से पढ़ाई करने के अलावा छात्र उसी पाठ्यक्रम का ज्ञान सहयोगी रूप में कम्प्यूटर पर भी हासिल करेंगे। सहजता से कम्प्यूटर पर खेल-खेल में वे अपना ज्ञानवद्र्धन कर सकेंगे। तय अवधि तय ई-लर्निंग के बाद जिला स्तर से ऑनलाइन 'परीक्षा होगी जिससे पता चलेगा कि किस छात्र की प्रगति कितनी है।

डीईओ पांचूराम सैनी, एडीईओ रामकरण नागर व प्रोजेक्ट मैनेजर भूपेन्द्र शर्मा के अनुसार मोइनी फाउंडेशन एवं छबड़ा थर्मल पावर के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को शिक्षा विभाग की ओर से मूर्त रूप दिया जा रहा है।

हर बच्चे की ई-मेल आईडी

चयनित इन सभी विद्यालयों में कक्षा 9 व 10वीं में अध्ययनरत हर बच्चे की ई-मेल आईडी बन रही है। इससे ये बच्चे अपनी आईडी से कम्प्यूटर में लॉग-इन कर पाठ्यक्रम से सम्बंधित सामग्री तक पहुंचेंगे। उसके बाद शिक्षण की नई टेक्नोलॉजी के सहारे इनकी पढ़ाई हो सकेगी। योजना के तहत ऐसे प्रत्येक विद्यालय की लैब में 10-10 कम्प्यूटर हैं। साथ ही प्रोजेक्टर भी उपलब्ध है।

ऐसे होगी पढ़ाई

कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर कम्प्यूटर पर ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें प्रत्येक प्रश्न के कुछ उत्तर होंगे, इनमें से छात्र को जवाब देना होगा। साथ में छात्र लाइफ लाइन की मदद ले सकेगा। सिम्पल क्विज, जिसमें भी प्रश्न पूछे जाएंगे व साथ में उत्तर भी होंगे, जिनमें से एक पर राइट करना होगा, यहां लाइफ लाइन नहीं है। फ्लिप कार्ड मैथर्ड, जिसमें प्रश्न पूछे जाएंगे लेकिन साथ में कोई ऑप्शन नहीं होंगे। बच्चे को खुद ही उत्तर देना होगा।

पहले आईसीटी के तहत बच्चों को कम्प्यूटर ज्ञान ही मिलता था, अब प्रोजेक्ट उत्कर्ष के तहत इसे अकादमिक शिक्षा से जोड़ दिया गया है। स्मार्ट क्लास में प्रति छात्र का प्रतिदिन एक विषय का पीरियड होगा। स्कूल व जिला स्तर से भी बच्चों की मॉनिटरिंग होगी।

अशोक कुमार योगी, जिला समन्वयक प्रोजेक्ट उत्कर्ष

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