
स्वच्छता सर्वेक्षण: जनता ने बचाई लाज वरना ...
कोटा. देश के चार हजार शहरों में कराए स्वच्छता सर्वे में कोटा को 101वीं रैंक नगर निगम की सेवाओं की बदौलत नहीं, सिटीजन फीडबैक के चलते मिली है। केन्द्र सरकार की आेर से जारी रिपोर्ट में उल्लेखित श्रेणीवार प्राप्तांकों से यह बात उजागर हुई है। पिछले साल के 341 वें स्थान के मुकाबले २०० पायदान ऊपर की ओर लगी छलांग में अहम भूमिका सिटीजन फीडबैक में मिले अंकों की है। निगम की सेवाओं में तो फिसड्डी अंक आए हैं। कुल 4 हजार स्कोर में से कोटा का स्कोर 2583 रहा। सर्वे के दौरान 4 हजार अंकों को तीन श्रेणी में बांटा गया। इसमें निगम की सेवाओं का स्तर और ग्राउंड अवलोकन के साथ सिटीजन फीडबैक के स्कोर निर्धारित थे। सिटीजन फीडबैक में 1400 में से 1251 स्कोर कोटा को मिले। शेष दोनों श्रेणियों के सर्वे में कोटा बहुत पीछे रहा। इसमें सर्वे में कोटा शहर को १० लाख आबादी की श्रेणी में रखा गया है। कोटा का स्थान आगरा, दमोह, भटिंडा, गुडग़ांव, अजमेर जैसे शहरों से ऊपर है। कोटा के स्वच्छता एेप पर 10 मार्च 2018 तक कुल 47228 शिकायतें दर्ज हुई। इनमें से 45 हजार शिकायतों का निस्तारण किया गया।
ऐप पर रहा निगम का फोकस
फ ीडबैक में बेहतर नंबर लाने के लिए निगम ने एेप डाउनलोड करवाने पर पूरा फ ोकस किया। रिकॉर्ड लोगों ने एेप डाउनलोड किया। इसका फ ायदा कोटा को सर्वे में मिला। इस अभियान को पॉपुलर किया और गीले-सूखे कचरा के लिए अलग-अलग रंग के डस्टबिन बांटे गए। इस बार खुले में शौचमुक्त, सॉलिड वेस्ट का कलेक्शन और ट्रॉसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग को भी इस बार सर्वेक्षण में जोड़ा गया। इसके अलावा क्लीननेस, सेनिटेशन और लोगों के फीडबैक जैसी कैटेगरी में असेसमेंट की गई।
महापौर और उपायुक्त पुरस्कृत
कोटा. स्वच्छता सिटीजन सर्वे फीडबैक में कोटा अव्वल रहने पर शनिवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने महापौर महेश विजय और उपायुक्त राजेश डागा को इंदौर में सम्मानित किया। महापौर ने बताया कि टिपर के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण, डस्टबिन वितरण, स्वच्छता जागरूकता अभियान समेत कई कदम उठाए गए। इसका श्रेय जनता को जाता है। उन्होंने कहा, अब कोटा को स्वच्छता में नंबर 1 बनाने का लक्ष्य है।
शहर गंदगी से अटा पड़ा है, एेसे में महापौर और उपायुक्त को स्वच्छता सर्वे में अव्वल रहने का पुरस्कार मिलना बड़ा सवाल खड़ा रहा है। सफाई में सही मायने में सुधार नहीं हुआ, एेसे में पुरस्कार नहीं लेना चाहिए था। इस तरह के हालात में पुरस्कार मिलना कोटा के लिए गर्व की बात नहीं है। भरत सिंह, पूर्व मंत्री
Published on:
24 Jun 2018 04:40 pm
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