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शुक्रवार को कोटा आए इस बालक के पिता मुकुट मीणा ने बताया कि काफी समय पहले उनके पुत्र उद्धव मीणा ने उनसे कहना शुरू किया था कि वे उसे कुछ पढ़ाएं। पिता को कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने उसे सामान्य ज्ञान के कुछ प्रश्न और उनके उत्तर बताने शुरू कर दिए। उनको हैरानी तब हुई, जब उन्होंने देखा कि उद्धव को काफी समय बाद भी ऐसे प्रश्नों के उत्तर याद हंै। धीरे-धीरे उद्धव की रुचि बढऩे लगी और पिता की भी। पिता ने बताया कि उनके पास जो पुस्तकें थी, वे उन के प्रश्न याद करा चुके तो उन्होंने कुछ कॉपियों में इंटरनेट से सवालों के उत्तर नोट कर उसे याद कराने शुरू किए।
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उद्धव को वे सभी प्रश्न याद हैं। मसलन, भारत का क्षेत्रफल, राजस्थान का क्षेत्रफल, देश के सभी प्रमुख पदों पर आसीन नेता समेत ऐसे सैकड़ों सवालों के जवाब उसे याद हैं। उद्धव हाड़ौती भाषा में ही बात कर पाता है। वह सवालों के जवाब भी हाड़ौती में ही देता है। याददाश्त की इस असाधारण प्रतिभा के कारण उसके गांव से करीब सत्रह किलोमीटर दूर अयाना के एक निजी स्कूल ने उसे अपने यहां प्रवेश दिया है। उद्धव इस साल पहली बार स्कूल गया है। इससे पहले वह घर पर ही पढ़ता था। उसका एक और भाई भी है। जो सामान्य बच्चों की तरह ही है।10 बीघा जमीन के लिए छोटे भाई को दी ऐसी यातनाएं कि बेटी भूल गई बाप का चेहरा, खौफनाक है मुकेश की कहानी
कमाल का दिमाग
बच्चों का इस उम्र में ही ब्रेन का सर्वाधिक तेजी से विकास होता है। याददाश्त के मामले में बच्चे की क्षमता बेहद प्रतिभाशाली है। ऐसा माता पिता की कठिन मेहनत और बच्चे के केलिबर की वजह से ही संभव होता है। उन्होंने अपने बच्चे की योग्यता को पहचाना और उस दिशा में उसे बेहतर तरीके से ट्रेंड किया। बकरी पालने वाले जैसा काम करने के साथ बेटे को इस तरह से तैयार करना काबिले तारीफ है।
डॉ. मुकेश सुवालका, शिशु रोग विशेषज्ञ
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मस्तिष्क में चार लॉग्स होते हैं और इनमें से दो लॉग्स फ्न्टल और टैम्पोरल लॉग ही मैमोरी और इंटेलिजेंसी के लिए होते हैं। अगर किसी व्यक्ति में इन दो लॉग्स में अधिक सेल हों और वे अधिक विकसित हों तो उसकी इंटेलिजेंसी और याददाश्त कमाल की होती है। ऐसे अनेक लोगों को हम सामान्य जीवन में भी देखते हैं। बेहतर तरीके से प्रैक्टिस कर इसे और उन्नत किया जा सकता है। चार साल के बच्चे में ऐसा होना थोड़ा चौंकाता है।
डॉ. विजय सरदाना, वरिष्ठ न्यूरो लॉजिस्ट और प्राचार्य मेडिकल कॉलेज