कोटा. दिनभर की दौड़भाग या गृहस्थी की चिंता से मुक्त होकर यदि आप शहर की शान कहलाने वाले उद्यानों चम्बल गार्डन , सीबी गार्डन, यातायात पार्क या गांधी उद्यान में जाकर सुकून तलाश रहे हैं तो भूल जाइये। शहर की सड़कों पर बरकरार श्वानों का खौफ अब इन उद्यानों में भी घुस गया है।
यहां श्वानों के आतंक के चलते सुबह की सैर करना तक आसान नहीं है। दिनभर यहां श्वान धमा-चौकड़ी मचाते हैं। इनके आतंक से यहां आने वाले बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सब परेशान हैं। पिकनिक-पार्टी करना तो जैसे श्वानों से मुसीबत मोल लेना है। श्वानों की टोली कब किस पर अचानक हमला बोल दे कह नहीं सकते। वहीं इन पार्कों में प्रवेश के लिए निगम शुल्क लेता है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। संवाददाता ने जब पार्कों में जाकर वहां के हालात देखे तो कुछ ऐसे नजर आए।
चम्बल गार्डन में श्वानों की धमा-चौकड़ी
चंबल गार्डन में लक्ष्मण झूले के आस पास काफी संख्या में श्वान घूमते नजर आए। श्वान पार्क में यहां से वहां दौड़ लगाते रहे। पार्क में आने वाली महिलाएं इनकी धमा-चौकड़ी से परेशान दिखीं। झुण्ड के झुण्ड श्वान महिलाओं के पास आए तो उन्हें दूसरी ठौर बदलनी पड़ी। बच्चों के पीछे भी श्वान दौड़ते लगाते दिखे।
‘लगता है जैसे कर देंगे हमला’
की तो स्थिति और भी खराब नजर आई। यहां तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर श्वान मंडराते नजर आए। इन्हें देख बच्चे सहम गए। यहां तक की छतरी के नीचे लगी कुर्सियों पर कुछ युवतियां बैठी थी, वहां श्वान पहुंच गए। युवतियों ने बताया कि वे अक्सर यहां आती हैं, यहां हमेशा श्वान घूमते नजर आते हैं। इनके हमला करने का डर बना रहता है। कोई खाने की सामग्री साथ में हो तो मुश्किल बढ़ जाती है। ये कभी झपट सकते हैं।
डर से झूला नहीं झूलते बच्चे
बच्चों का सर्वाधिक पसंदीदा यातायात पार्क की स्थिति तो काफी विकट नजर आई। यहां चारों और श्वान घूमते नजर आए। कुछ बच्चों को झूलों से उतरकर डर के मारे भागना पड़ा। करीब 8 से 10 श्वान यहां घूम रहे थे। यह हालात रावतभाटा रोड स्थित पार्कों के ही नहीं अन्य क्षेत्रों में स्थित पार्कों में भी है।
इनका कहना
पार्क में काफी संख्या में लोग आते हैं। यहां इतने श्वान घूमते हैं कि इनसे बचना मुश्किल हो जाता है। निगम इन्हें पकड़वाकर लोगों को राहत दें।
-जितेन्द्र भील, प्रघुम्न मीणा
चंबल गार्डन, यातायात पार्क जितने खबसूरत हैं, वैसी यहां व्यवस्थाएं नहीं। श्वान बड़ी समस्या है। इनकी समस्या से छुटकारा दिलाना जरूरी है। एक बार श्वान काटने तो रेबीज का खतरा रहता है।
– हेमंत वर्मा
उद्यानों में घांस बड़ी हो गई है, इनमें जहरीले कीड़ों का भय रहता है। पार्क में प्रवेश का शुल्क लगता है। कम से कम साफ सफाई तो हो। श्वान भी बड़ी समस्या हैं।
– हुकमचंद सुमन, जयपुर
मैं यहां जोगिंग करने आता हूं। सुबह कई बुजुर्ग व महिलाएं भी आती हैं, इनके लिए श्वान बड़ी चुनौती है। कई बार ये श्वान पीछे पड़ जाते हैं।
-अनिल टिलवानी