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सावधान: घर के बाहर जलती लाइट खोल देती है चोरों की ‘किस्मत का ताला’, कैसे जानिए अभी

locationकोटाPublished: Aug 26, 2019 02:17:07 am

Submitted by:

​Zuber Khan

Theft, thieves Gang, thieves Terror : घर के बाहर जलती लाइट चोरों के दिमाग की बत्ती जला देती है। इसी के साथ किस्मत के ताले भी खुल जाते हैं।

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सावधान: घर के बाहर जलती लाइट खोल देती है चोरों की ‘किस्मत का तालाÓ, कैसे जानिए अभी

चोर अधिकांश सूने मकान को बना रहे निशाना
कोटा. क्या आपके घर के बाहर ताला लटका है ? बाहर जाने व आने की सूचना घर के बाहर बोर्ड पर है या घर के बाहर लाइट जली ही छोड़ गए। मकान मालिक की छोटी-छोटी अनदेखी उसके घर में चोरी की बड़ी वारदात करवा सकती है। जी हां, मकान के बाहर लगा ताला चोरों की ‘किस्मत का ताला’ खोल देता है। ( Theft ) शहर में हुई चोरियों में करीब 93 फीसदी से भी अधिक चोरियां इन्हीं कारणों के चलते हुई हैं। ( thieves Terror )
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शहर में सबसे अधिक चोरियां सूने मकानों में हो रही है। ( gold jewellery stolen ) दरअसल मकान पर लगा ताला मकान के सूने होने की पुष्टि कर देता है। इसके बाद चोर या रैकी करने वाले को केवल मकान मालिक के लौटने के बारे में पता करना होता है। ऐसे में वह आस-पड़ोस से सूने मकान के मालिक के लौटने का पता लगा लेते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम दे डालते हैं। यहीं नहीं चोर घर के सभी सदस्यों के किसी निर्धारित समय पर बाहर जाने को चोरी की योजना में शुमार करते हैं।
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ऐसे समय में मौका लग जाए तो चोर दिनदहाड़े चोरी करने से भी नहीं चूकते। ऐसी वारदातें अधिकांश सूनी व कम आबादी वाली कॉलोनियों में होती हैं। इसके अलावा घर या दुकान के बाहर उसके बंद रखने की सूचना तो चोरों के लिए मानो सोने पर सुहागे का काम करती है। घर के बाहर दिन में जलती लाइट भी चोरों को मकान मालिक के अंधेरा होने के बाद लौटने की पुष्टि कर देती है। शहर में अधिकांश चोरियों में चोरों ने इन्हीं जानकारियों का लाभ उठाकर कई लोगों की जीवन भर की कमाई उड़ा ली।
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पड़ोस से आसानी से मिलती है सूचना
रैकी करने वाले, मकानों पर लगे तालों के बारे में पड़ोसियों से बातों ही बातों में मकान मालिक के लौटने की जानकारी जुटा लेते हैं। इसके लिए वे स्वयं को सूने मकान मालिक का रिश्तेदार, मित्र या ऑफिस का साथी बताते हैं। घर के बाहर लगी नेमप्लेट के नाम के आधार पर लौटने की जानकारी लेते हैं। ऐसे में पड़ोसियों को कोई शक नहीं होता। रैकी के जरिए पूरी जानकारी मिलते ही चोर मौका देखकर चोरी की वारदात को अंजाम दे डालते हैं।

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घर में नकदी, जेवर से लग सकता है फटका
अधिकांश चोरियों में चोर नकदी व जेवर चुराने की ही फिराक में रहते हैं। चोर सीधे ही घर के भीतर अलमारी व अन्य स्थानों को खंगालते हैं। ऐसे में घर पर अधिक नकदी व जेवर नहीं होने पर बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरत के हिसाब से ही घर में नकदी रखनी चाहिए। गहनों को सूने घर में छोडऩे के स्थान पर बैंक के लॉकर व बीमा आदि विकल्प से भी नुकसान से बचा जा सकता है।
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रैकी में जुटे चोरों के मुखबिर
रैकी घर के आसपास आमतौर पर घूमने वाले लोगों से ही चोरों तक पहुंचती है। रैकी के लिए चोर गलियों में प्लास्टिक व कचरा बीनने वाले, फल-सब्जी, फुटकर सामान, बर्तन व कबाड़ बेचने वालों को जरिया बनाते हैं।

घर के बाहर लगा ताला, बाहर जाने की सूचना, घर के बाहर दिन में जलती लाइट मकान मालिक के बाहर होने की पुष्टि कर देता है। चोर आसपास से जानकारी जुटाकर मकान मालिक के लौटने का पता लगा लेते हैं और मौका देख वारदात कर देते हैं। सूने घर में नकदी या जेवर नहीं छोड़े, घर से बाहर जाते समय थाने या अपने क्षेत्र के बीट कांस्टेबल को इसके बारे में जानकारी दें। निजी सिक्योरिटी गार्ड या पड़ोसी की मदद लें। ऐसे में चोरी की वारदात की अधिकांश संभावनाए समाप्त हो जाती है।
दीपक भार्गव, पुलिस अधीक्षक
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