7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पानी में चली जाती है राशि, कैसे होंगे विकास कार्य…

- हर माह साढ़े लाख रुपए हो रहे पेयजल योजना के रखरखाव पर खर्च

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Anil Sharma

Mar 24, 2021

moikalan, kota

मोईकलां. बपावर में जनता जल योजना की पानी की टंकी।

मोईकलां. गांवों में पंचायतों के माध्यम से संचालित जनता जल योजना सरपंचों के लिए गले की फांस बनी हुई है। पंचायत को जो राशि विकास पर खर्च करना चाहिए उसको सरपंच जनता जल योजना के संचालन पर व्यय करने को मजबूर हैं।
बपावर कस्बे में पंचायत के माध्यम से संचालित जनता जल योजना की बात करें तो करीब एक हजार नल कनेक्शन लोगों को जारी किए हुए है। बदले में जल कर के रूप में पंचायत प्रतिमाह एक कनेक्शन पर 80 रुपए वसूल रही है। यानि की हर माह पंचायत के पास करीब 80 हजार रुपए एकत्रित हो रहे हैं। वह भी उस स्थिति में जब हर घर से राशि की वसूली सौ फीसदी हो जाए। 80 हजार रुपए के बदले पंचायत को पेयजल योजना का संचालन करने वाले 3 कर्मचारियों पर 15 हजार व छह विद्युत मोटरों के बिल के बदले करीब पौने पांच लाख रुपए चुकाने पड़ रहे है। इसके अलावा हर माह मरम्मत व संधारण पर 50 हजार रुपए का खर्च अगल से करना पड़ रहा है। यानि की 80 हजार रुपए के बदले पंचायत को हर माह 5 लाख 40 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है।

हर माह विकास फंड से करते हैं भुगतान
पंचायत को हर माह करीब साढ़े 4 लाख रुपए की राशि विकास फंड से खर्च करनी पड़ रही है। एक वर्ष में जनता जल योजना पर करीब 54 लाख रुपए खर्च हो रहा है। बपावर सरपंच रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि जनता जल योजना चलाना पंचायत के लिए अब सोने से घड़ाई महंगी वाली कहावत वाला काम हो रहा है। साथ ही जो राशि विकास होना चाहिए वो पैसा योजना पर खर्च करना पड़ रहा है।

विधायक सिंह को बताई पीड़ा
सरपंच गुप्ता ने विधायक भरत सिंह को लिखित समस्या बताकर आग्रह किया है कि जनता जल योजना का संचालन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सांगोद के अधीन कर दिया जाए। ताकि पंचायत एक साल में करीब 54 लाख रुपए का विकास कार्य अलग से करवा सके। गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों के माध्यम से संचालित जनता जल योजनाएं पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए किसी मुसीबत से कम साबित नहीं होरही है।

लटूरी पंचायत मुख्यालय पर जनता जल योजना के तहत करीब ३ सौ नल कनक्शन है। हर माह बिजली के बिल व कर्मचारियों का वेतन देने पर करीब एक लाख १५ हजार रूपए खर्च हो रहे है। जबकी नल उपभोक्ताओं से २४ हजार के आसपास की आमद होती है। माह में लाइन की टूट फूट पर होने वाला खर्च अगल है। जनता जल योजना का संचालन पीएचईडी के अधीन हो जाए तो गंगा नहाने से कम नही होगा हमारे लिए।
— मनीष नागर, सरपंच, लटूरी।