
सांगोद में बीते दो साल से बंद पड़ी मिट्टी जांच प्रयोगशाला।
सांगोद. यहां किसानों की खेतों की मिट्टी की जांच की सहुलियत को लेकर उपखंड मुख्यालय पर बनाई गई मिट्टी जांच करने की प्रयोगशाला बीते दो साल से लगभग बंद सी ही पड़ी है। ऐसे में यहां आसपास के गांवों से मिट्टी जांच को लेकर आने वाले किसानों को निराश लौटना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों खेती में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इससे मिट्टी में जरूरी तत्वों में कमी एवं बढ़ोतरी हो रही है। पूर्व में यहां खेतों की मिट्टी जांच की सुविधा नहीं होने से किसानों को जिला मुख्यालय पर कृषि विभाग की प्रयोगशाला या फिर निजी जांच केन्द्रों पर मिट्टी की जांच करवानी पड़ती थी। इसमें किसानों को हजारों रुपए का खर्चा होता था। किसानों की सहुलियत को लेकर वर्ष २०१३ में सांगोद में राज्य सरकार ने कृषि प्रयोगशाला संचालित की। पंचायत समिति कार्यालय परिसर में ११ लाख रुपए की लागत से प्रयोगशाला बनाई गई थी। लेकिन बीते दो साल से प्रयोगशाला के ताला लटका हुआ है।
दम तोड़ रही सुविधा
मिट्टी जांच प्रयोगशाला में किसान अपने खेतों की मिट्टी में किस तत्व की कमी एवं अधिकता है इसकी जांच करवाकर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग कर सकते है। किसानों की सुविधा के लिए यहां आठ साल पूर्व मिट्टी जांच प्रयोगशाला बनाई गई। लेकिन बीते दो साल से इसका संचालन बंद होने से यहां मिट्टी जांच के लिए आने वाले किसानों को परेशानी हो रही है।
टेंडर पर नहीं ध्यान
विभागीय अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फरवरी २०१९ में कम्पनी का कार्यकाल पूर्ण हो गया लेकिन राज्य सरकार के स्तर से नए टेंडर अब तक नहीं हुए। ऐसे में प्रयोगशाला में मुहैया करवाए गए लाखों रुपए के उपकरण भी उपयोग के अभाव में धूल खा रहे है। मजबूरन किसानों को मिट्टी जांच के लिए जिला मुख्यालय पर चक्कर काटना पड़ रहा है।
Published on:
21 Feb 2021 11:43 pm
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