राजस्थान में उच्च शिक्षा की स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है। उच्च शिक्षा विभाग राजस्थान अपने ही निकाले आदेशों की पालना नहीं करवा पाया है। एक के बाद एक नए आदेशों से महाविद्यालयों में प्राचार्य, सहायक आचार्य व विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति कर दी। इसके चलते महाविद्यालयों में हालात यह रहे कि स्नातकोत्तर की कक्षाएं एक माह चलकर बंद हो गई।
कोटा. राजस्थान में उच्च शिक्षा की स्थिति बिगड़ती नजर आ रही है। उच्च शिक्षा विभाग राजस्थान अपने ही निकाले आदेशों की पालना नहीं करवा पाया है। एक के बाद एक नए आदेशों से महाविद्यालयों में प्राचार्य, सहायक आचार्य व विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति कर दी। इसके चलते महाविद्यालयों में हालात यह रहे कि स्नातकोत्तर की कक्षाएं एक माह चलकर बंद हो गई। इससे एमए, एमकॉम, एमएससी के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया। विद्यार्थियों का न कोर्स पूरा हुआ और न परीक्षाएं हुई और बीच में ही उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के समस्त महाविद्यालयों में 1 मई से 30 जून के बीच ग्रीष्मकालीन अवकाश तक के आदेश जारी कर कॉलेज बंद करवा दिए।
पहले यह आदेश निकाले
आयुक्तालय ने 31 मार्च 2022 को जारी आदेश में बताया था कि राज्य में समस्त महाविद्यालयों में विद्या सम्बल में लगे सहायक आचार्यो को पाठ्यक्रम पूर्ण होने तक या परीक्षा प्रारंभ होने तक जो भी पहले हो शिक्षण कार्य जारी रखने के लिए प्राचार्यो को आदेशित किया था।
फिर यह आदेश निकाल दिए
फिर आयुक्तालय ने 28 अप्रेल 2022 में आदेश जारी कर राज्य के समस्त राजकीय व निजी महाविद्यालयों में 1 मई से 30 जून के बीच ग्रीष्मवकाश के आदेश जारी कर दिए। उसके बाद कॉलेज के प्राचार्यों ने भी विद्या सम्बल योजना में लगे सहायक आचार्यो को रिलीविंग पत्र जारी कर दिए। ऐसे में 1 मई से महाविद्यालयों में कक्षाएं लगना बंद हो गई।
स्प्रेड शीट पर मांगी सूचना
आयुक्तालय ने 30 अप्रेल को फिर समस्त कॉलेज प्राचार्य को आदेश जारी कर स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रम पूर्ण होने या नहीं होने की स्प्रेड शीट पर सूचना मांगी गई। सभी कॉलेजों ने अपनी सूचना मांगी, लेकिन उसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विद्यार्थियों का यह कहना
कॉमर्स कॉले के विद्यार्थी विष्णु लोधा व रजत कुमार ने बताया कि एमकॉम में की एक माह भी बेमुश्किल क्लासें नहीं लगी। जब कोर्स ही पूरा नहीं हुआ तो कैसे वह परीक्षा दे पाएंगे। जबकि फरवरी तक तो बीकॉम की ही क्लासें चल रही थी। बीच में ग्रीष्मकालीन अवकाश के आदेश जारी कर कॉलेज बंद कर दिए। उनका कोर्स पूरा नहीं हुआ। कोटा विवि मई में ही परीक्षाएं आयोजन करवाने में लगा हुआ है।
पांच माह विद्या सम्बल योजना चला के किया रिलीव
राज्य सरकार की पायलेट प्रोजेक्ट के तहत विद्या सम्बल योजना को पूरे राज्य में अक्टूबर 2021 में लागू किया था। इससे राजकीय महाविद्यालयों में नियमित कक्षाओं का संचालन प्रारंभ हो गया। हजारों युवाओ को पढ़ाई का माध्यम मिला, लेकिन 6 महीने बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश की आड़ में सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया गया। वे फिर से बेरोजगार हो गए।
पत्रिका एनालिसिस विद्या सम्बल ही एक मात्र उपाय
पत्रिका टीम ने जब शिक्षाविदों से समस्या का सुझाव मांगा तो सामने आया कि विद्या सम्बल में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर नियमित कर्मचारी नहीं है। इन पर ग्रीष्मकालीन अवकाश लागू नहीं होते। क्योंकि ये गेस्ट फैकल्टी के अंतर्गत आते है। इनका भुगतान प्रति कालांश के हिसाब से होता है। स्नातकोतर की कक्षाओं का संचालन पूर्व की तरह इनके साथ प्रारंभ किया जा सकता है। जरूरत पडऩे पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन भी किया जा सकता है।