अन्तरराष्ट्रीय रेसलर व राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट शनिवार को कोटा पहुंची। यहां आन्या फाउंडेशन की ओर से तीन सौ बालिकाओं के लिए आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इससे पहले माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह व पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर गीता फोगाट ने कहा कि आज के समय लड़कियों को मेंटली, फिजिकली स्ट्रांग व जागरूक करना बहुत जरूरी है। महिलाएं अपने आप को किसी भी तरह से कमजोर नहीं समझे। जो भी काम करें,अपना मन लगाकर करें। समाज की ना सोच कर अपने फ्यूचर के बारे में सोचें,जिंदगी के बारे में सोचें।
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फोगाट ने कहा कि जिनके माता-पिता बच्चों के साथ खड़े होते हैं, उनको दुनिया हरा नहीं सकती, ना ही आगे बढ़ने से रोक सकती। माता-पिता को बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए, वो आसमान छू सकते है। ये ना सोचे लोग क्या कहेंगे, समाज क्या कहेगा।
उन्होंने कहा कि समाज में लोगों की सोच बदल रही है उसे और बदलने की जरूरत है। पेरेंट्स को भी चाहिए वो किसी की ना सोच कर अपने बच्चों के लिए सोचे। गीता फोगाट इस मुकाम पर पहुंच सकती है तो हर बच्ची क्यों नहीं पहुंच सकती। बच्चे जिस भी फील्ड में जाना चाहते हैं उनको आगे बढ़ाइए।
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कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कंपटीशन में हार-जीत होती रहती है। कभी जिंदगी में निराश नहीं होना चाहिए।जिंदगी में एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा दरवाजा खुलता है। बस हमें अपने आप को पहचानने की जरूरत है,अपने आप को निखारने की जरूरत है। कभी जिंदगी में हताश नहीं होना चाहिए। हमें अपने पर प्रयास करते रहना चाहिए।
श्रद्धा मर्डर मामले में बोलते हुए उन्होंने कहा महिलाओं पर अत्याचार होना दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के लिए बहुत दुखदाई है।ऐसा नहीं है सरकार काम नहीं कर रही। सरकार को सख्त से सख्त कानून बनाने चाहिए ताकि आगे कोई ऐसा कृत्य करने से पहले लाख बार सोचे।