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ये भी परोपकार का काम है…

locationकोटाPublished: May 04, 2021 01:41:19 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

सामाजिक सरोकार के तहत कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन ने सोमवार को नगर निगम को दो ट्रक सूखी लकडी भेजी है। प्लांट परिसर में आंधी के दौरान टूटे पेडों की सूखी लकडिय़ों के समुचित निस्तारण के लिए उन्होंने कुछ दिन पहले जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ को पत्र भेजकर दिशा निर्देश देने का आग्रह किया था।
 

ये भी परोपकार का काम है...

ये भी परोपकार का काम है…

कोटा. सामाजिक सरोकार के तहत कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन ने सोमवार को नगर निगम को दो ट्रक सूखी लकडी भेजी है। थर्मल के मुख्य अभियंता वीके गोलानी ने प्लांट परिसर में आंधी के दौरान टूटे पेडों की सूखी लकडिय़ों के समुचित निस्तारण के लिए उन्होंने कुछ दिन पहले जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ को पत्र भेजकर दिशा निर्देश देने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में घोषणा की थी कि राज्य में कोरोना महामारी से मृत्यु होने पर उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। इसके तहत जिला कलक्टर ने नगर निगम की आयुक्त कीर्ति राठौर व लाडपुरा तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे कोटा थर्मल से एकत्रित सूखी लकडिय़ों को शहर के मुक्तिधामों तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
थर्मल के उपमुख्य अभियंता आरएन गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर लकडिय़ा नि:शुल्क भिजवाने में सहयोग किया।नगर निगम के अधिकारियों ने सोमवार को निगम के दो ट्रक कोटा थर्मल में भेजकर लगभग 4000 किलो लकडिय़ा विभिन्न मुक्तिधामों में पहुंचाई।
केशवपुरा मुक्तिधाम के ठेकेदार ने बताया कि एक अंतिम संस्कार के लिए लगभग 3500 रुपए सूखी लकडिय़ों पर खर्च होते हैं। कोटा थर्मल के अधिशासी अभियंता एसएन सिंह ने बताया कि प्लांट परिसर में लंबे समय से आंधी-तूफ ान में टूटे लगभग 200 पेड़ों की सूखी लकडिय़ों को एकत्रित किया जा रहा हैं, जिनका कोरोना पीडितों के अंतिम संस्कार में नि:शुल्क उपयोग किया जा सकेगा।

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