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गोवंश के लिए यह ‘मृत्युशाला

-ठूंसकर भरा गोवंश, तीन दिन में 27 गायों की मौत - रोज मर रही 8 से 12 गायें, - दो दर्जन से अधिक गोवंश मरणासन्न हालत में

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कोटा

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Deepak Sharma

Jul 24, 2018

kota news

बंधा धर्मपुरा गोशाला में नारकीय हालात

कोटा. नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण बंधा धर्मपुरा गोशाला गोवंश के लिए कब्रगाह साबित हो रही है। तीन दिन से लगातार बारिश की झड़ी लगने के कारण गोवंश मौत की भेंट चढ़ गया है। मंगलवार को एक बछड़े समेत 8 गायों की मौत हो गई। तीन दिन में 27 गायें मौत के मुंह में चली गई हैं। दो दर्जन से अधिक गोवंश मरणासन्न स्थिति में तड़प रहा।

निगम ने शहर में आवारा मवेशियों की धरपकड़ का अभियान चला रखा है। अब तक पांच सौ सांड और गोवंश को पकड़ गोशाला में भेजा जा चुका है। इस कारण गोशाला में 2500 से अधिक गोवंश हैं। गोशाला में नंदी को अलग रखने का बाडा बना रखा है, लेकिन सफाई के वक्त एक ही बाड़े में बंद कर दिया जाता है। मंगलवार सुबह आठ बजे 'पत्रिका टीमÓ गोशाला पहुंची तो यहां गोवंश ठूंसकर भरा दिखा। स्थिति यह कि मवेशी हिलडुल तक नहीं पा रहे थे। बीमार गायें गिरने पर उठ नहीं पा रही थी।

शव मार रहे दुर्गंध
'पत्रिका टीम जब पहुंची तो परिसर में अलग-अलग जगह 8 गायें मृत पड़ी दिखी। शव दुर्गंध मार रहे थे। इससे अन्य गायों में संक्रमण की आशंका बनी रहती है। दो दर्जन से अधिक गायें व बछड़े मरणासन्न स्थिति में तड़प रहे थे। उनकी कोई देखरेख करने वाला तक नहीं था। गोशाला कर्मचारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण गोवंश के मरने की दर बढ़ गई। अमूमन प्रतिदिन तीन-चार गायों की मौत होती थी, लेकिन पिछले तीन-चार दिन से 8 से 12 गायों की रोजाना मौत हो रही है। सोमवार को यहां 12 गोवंश की मौत हुई थी।
समय पर नहीं आते कर्मचारी -

निगम ने यहां पर ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य की निगरानी के लिए कर्मचारी लगा रखा है, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह कर्मचारी कभी भी वहां पर समय नहीं पहुंचता है। मंगलवार को भी यह कर्मचारी सुबह 11.15 तक वहां नहीं पहुंचा और 'पत्रिका ने उसे कई बार मोबाइल कॉल भी किया, लेकिन उसने हर बार कॉल काट दिया।
व्यवस्थाएं सुधार रहे हैं

गोशाला की व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया गया है। पशु चिकित्सक भी लगा रखा है। गोवंश की मृत्युदर में पहले से काफी कमी आई है। बारिश में आंकड़ा बढ़ जाता है। और कैसे व्यवस्थाओं में सुधार किया जा सकता है, इस पर बुधवार को चर्चा करेंगे। -पवन अग्रवाल, अध्यक्ष गोशाला समिति

गोवंश की मौत का आंकड़ा

22 जुलाई 7

23 जुलाई 12

24 जुलाई 8