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‘राम के नाम पर राज में आने वाले राम को ही भूले’ , रामलीलाएं और रामकथा का आयोजन बंद करना अनुचित

महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष राखी गौतम के नेतृत्व में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संभागीय आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन देकर शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में छह स्थानों पर होने वाली रामलीला एवं रामकथा का आयोजन करवाने की मांग की है। गौतम ने कहा कि राम के नाम पर राज में आने वाले अब राम को ही भूल गए हैं। इस कारण रामलीलाएं और रामकथाओं का आयोजन बंद कर रहे हैं। यदि नगर निगम यह दोनों आयोजन नहीं करता है तो जनता को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा।

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kota

महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष राखी गौतम के नेतृत्व में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संभागीय आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन देकर शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में छह स्थानों पर होने वाली रामलीला एवं रामकथा का आयोजन करवाने की मांग की है

दशहरा मेले के दौरान शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में होने वाली रामलीलाओं और रामकथाओं के आयोजन को लेकर मेला समिति की ओर से फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं किया है। वहीं महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष राखी गौतम के नेतृत्व में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संभागीय आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन देकर शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में छह स्थानों पर होने वाली रामलीला एवं रामकथा का आयोजन करवाने की मांग की है। गौतम ने कहा कि राम के नाम पर राज में आने वाले अब राम को ही भूल गए हैं। इस कारण रामलीलाएं और रामकथाओं का आयोजन बंद कर रहे हैं। यदि नगर निगम यह दोनों आयोजन नहीं करता है तो जनता को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में शालिनी गौतम, पार्षद व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

मेला समिति की बैठक में होगा फैसला

दशहरा मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि मैंने मेला समिति की पहली बैठक में सुझाव दिया था कि शहर में छह जगहों पर स्थानीय संस्थाओं की ओर से होने वाली रामकथा और रामलीला के आयोजन नहीं करवा कर भव्य रामलीला का मंथन दशहरा मैदान में ही होना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक लोग यहां आ सके। इससे मेले में उदघाटन के साथ ही रौनक रह सके। निगम की ओर से शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में रामलीलाएं और रामकथाएं नहीं करवाई जाती है। निगम केवल जो संस्था इसके लिए आगे आती है, उनको पूर्व में तीन-तीन लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी। फिलहाल रामलीलाएं और रामकथा बंद करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है, विचाराधीन है। मेला समिति जो फैसला लेगी, उसके अनुसार आयोजन किया जाएगा।