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नवरात्र में तीन सर्वार्थ सिद्धि योग, धर्म-ध्यान के साथ बाजारों में भी उत्साह ,दीपावली से पहले लोग बना रहे खरीदारी का प्लान

Kota News: शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू होंगें। दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। नवरात्र के दौरान वि​भिन्न संयोग बनेंगे। धर्म-ध्यान, पूजा पाठ, व्रत-उपवास के साथ बाजारों में भी जमकर खरीदारी होगी।

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कोटा

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Hemant Sharma

Sep 21, 2024

Sharadiya Navratri- 2024

डाढ़ देवी माता मंदिर

Kota News: शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू होंगे। दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस वर्ष नवरात्र के दौरान तीन सवार्थ सिद्धि योग आएंगे। पूजा-पाठ, धर्म-ध्यान के साथ ही बाजार भी खरीदारी से गुलजार रहेंगे। घट स्थापना के मुहूर्तों के अलावा दिनभर खरीदारी के विभिन्न मुहूर्त रहेंगे। नवरात्र से शुरू होने वाला खरीदारी का यह दौर पांच दिवसीय महापर्व तक चलेगा। लोग खरीदारी के लिए मुहूर्त तलाशने लगे हैं। विक्रेताओं को भी श्राद्धपक्ष के बाद आने वाले फेस्टीवल सीजन से काफी उमीद है। वे ग्राहकों के रुझान को देखते हुए तैयारियों में जुट गए हैं।

कब-कब रहेंगे सर्वार्थ योग

ज्योतिषाचार्य शिवप्रकाश दाधीच के अनुसार नवरात्र के दौरान अश्विन कृष्ण पक्ष की तृतीया पर 5 अक्टूबर, चतुर्थी 7 व नवमी दशमी पर 12 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इनमें दशमी के दिन कुछ देर तक ही सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। दाधीच के अनुसार 5 को सुबह 6.26 से रात 9.33 तक, 7 को 6.37 से रात मध्यरात बाद 2.25 बजे व 12 अक्टूबर सुबह 5.25 बजे से सुबह 6.36 बजे तक ही सर्वार्थ सिद़्िध योग रहेगा। दाधीच का मानना है कि यूं तो देवी के आगमन से नवरात्र ही अपने आप में शुभ होते हैं, लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी विशेष महत्व होता है। यह सोने पर सुगंध के समान है। इनके अलावा नवरात्र का प्रारंभ गुरुवार से होना शुभ माना जा रहा है। वहीं प्रतिपदा पर हस्त नक्षत्र रहेगा। यह काफी सुखद है।

घट स्थापना के मुहूर्त

शिवप्रकाश के अनुसार लग्न, चौघडिये व मुहूर्त के अनुसार घट स्थापना की जा सकती है। लग्न के अनुसार 3 अक्टूबर को 6.32 से सुबह 7.37 बजे कन्या द्विस्वभाव लग्न, 12.11 बजे से दोपहर 2.15 बजे तक धनु लग्न तथा इसी दौरान 12.03 से 12.50 अभिजित मुुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। चौघडियों के अनुसार शुभ के चौघडिये में सुबह 6.32 से 8.03 तथा 11 बजे से दिन में 3.30 बजे तक चर, लाभ व अमृत में घट स्थापना की जा सकती है। इन मुहूर्तों में खरीदारी भी की जा सकती है। इनके अलावा खरीदारी के लिए शाम को 4.45 से रात को 9.17 बजे तक शुभ अमृत व चर में खरीदारी हो सकती है।

नवमी-दशमी साथ

अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को रात 12.33 से 11 को दोपहर 12.07 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी, जो 12 अक्टूबर को सुबह 10.58 बजे तक रहेगी। आमतौर पर अधिकतर तिथियों को उदियात तिथि के रूप में मनाया जाता है, लेकिन दीपावली व दशहरे में शाम व रात का महत्व है, ऐसे में नवमी के दिन ही दशहरा मनाया जाएगा।