अटक गए गेट
1986 में आखिरी बार बांध के स्लूज गेट खुले थे। बांध में भारी मात्रा में गाद जमा होने से बांध को भी खतरा बढ़ रहा है। स्लूज गेटों को खोलने से लेकर बांध के रखरखाव का खर्च 5 करोड़ से कम आंका गया था, लेकिन काम नहीं हो सका।
1986 में आखिरी बार बांध के स्लूज गेट खुले थे। बांध में भारी मात्रा में गाद जमा होने से बांध को भी खतरा बढ़ रहा है। स्लूज गेटों को खोलने से लेकर बांध के रखरखाव का खर्च 5 करोड़ से कम आंका गया था, लेकिन काम नहीं हो सका।
आरएपीपी की लाइफ लाइन
राणा प्रताप सागर बांध को आरएपीपी की लाइफ लाइन भी कहा जा सकता है। चंबल नदी पर बने इस बांध के पानी से ही आरएपीपी में परमाणु बिजलीघर के संयंत्रों का संचालन हो पाता है। इसके बावजूद इसकी हालत सुधारने का बीड़ा लेने वाला कोई नहीं है।
न्यायालय के आदेश के बावजूद निकलते हैं भारी वाहन
न्यायालय ने राणा प्रताप सागर बांध पर भारी वाहनों का निकलना वर्जित कर रखा है। बांध से अलग भारी वाहनों को निकालने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से गौरव पथ के रूप में वैकल्पिक मार्ग भी बनाया गया, लेकिन इसके बावजूद यहां से भारी वाहनों के निकलने में कोई कमी नहीं आई।
न्यायालय ने राणा प्रताप सागर बांध पर भारी वाहनों का निकलना वर्जित कर रखा है। बांध से अलग भारी वाहनों को निकालने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से गौरव पथ के रूप में वैकल्पिक मार्ग भी बनाया गया, लेकिन इसके बावजूद यहां से भारी वाहनों के निकलने में कोई कमी नहीं आई।
चंबल नदी का दूसरा बड़ा बांध
चंबल नदी पर मध्यप्रदेश के भानपुरा के निकट सबसे बड़ा बांध गांधीसागर स्थित है। इसके बाद राजस्थान का सबसे बड़ा बांध चित्तौडगढ़ जिले के रावतभाटा में राणा प्रताप सागर है। इसके बाद बूंदी जिले में जवाहर सागर व कोटा बैराज स्थित है। बांध पर खतरा होने से जवाहर सागर बांध व कोटा बैराज बांधों के अलावा रावतभाटा, कोटा से लेकर धौलपुर तक इसकी जद में आता है। ऐसे में इसके रखरखाव के महत्व को समझा जा सकता है।
चंबल नदी पर मध्यप्रदेश के भानपुरा के निकट सबसे बड़ा बांध गांधीसागर स्थित है। इसके बाद राजस्थान का सबसे बड़ा बांध चित्तौडगढ़ जिले के रावतभाटा में राणा प्रताप सागर है। इसके बाद बूंदी जिले में जवाहर सागर व कोटा बैराज स्थित है। बांध पर खतरा होने से जवाहर सागर बांध व कोटा बैराज बांधों के अलावा रावतभाटा, कोटा से लेकर धौलपुर तक इसकी जद में आता है। ऐसे में इसके रखरखाव के महत्व को समझा जा सकता है।
राणा प्रताप सागर बांध के रखरखाव के लिए विश्व बैंक से माध्यम से रुपए मिलने पर बजट से बांध का काम करवाया जाएगा।
पूरणचंद मेघवाल, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, राणा प्रताप सागर, रावतभाटा
पूरणचंद मेघवाल, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, राणा प्रताप सागर, रावतभाटा