यह भी पढ़ें
मुकुंदरा में पसरा मातम, एमटी-3 टाइगर की मौत आज भी जेहन में है वो नजाराजब भी मुकुंदरा से किसी वन्यजीव को लेकर कोई दुखद खबर सामने आती है। 2003 में हुए दर्दनाक हादसे के जख्म हरे हो जाते हैं। रणथम्भौर से मुकुंदारा पहुंचे एक बाघ की 2003 में राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत हो गई थी। ब्रोकन टेल बाघ दरा के जंगल में रास्त भटककर आया था।
टी -35 रही है 6 साल
जनवरी 2010 में रणथम्भौर से टी -35 बाघिन आई और छह वर्ष सुल्तानपुर में रही। उसकी इसी वर्ष मार्च में मौत हो गई थी।