
रणथंभौर को छोड़कर नई सल्तनत की तलाश में निकला टी 91 आखिर शिकंजे में आ ही गया। पांच माह से सारी कोशिशों को धता बता यह बाघ बूंदी के जंगलों को अपनी दहाड़ से गुंजाता रहा। मुकुंदरा में नए सुल्तान के पहले कदम का खास नजारा ।

रणथंभौर टाइगर रिजर्व को छोड़कर चार महीने से रामगढ़ अभ्यारण्य में भटक रहे बाघ टी-91 (अलफांसो) को वन विभाग की टीम ने मंगलवार को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया। जहां दोपहर 12 बजे पहली बार मुकुंदरा टाइगर की दहाड़ से गूंज उठा।

'राजा' अलफांसो (टी-91) आखिरकार हनीट्रेपÓ हो ही गए। सुबह 4 बजे जैसे ही बाघिन की आवाज सुनी उसे तलाशते हुए रामगढ़ के जंगलों से बाहर निकल आए, बाघिन तो नहीं मिली लेकिन शिकार जरूर सामने पड़ गया। पेट की भूख मिटाने के लिए जैसे ही उन्होंने शिकार किया एक्सपट्र्स ने ट्रेंकुलाइज कर लिया।

रामगढ़ अभ्यारणय में शिकार करता 'राजाÓ अलफांसो (टी-91) टाइगर। जिसे ट्रेंकुलाइज कर वन विभाग की टीम ने 130 किमी की दूरी तय कर दोपहर 12.15 बजे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में ले आई।

रामगढ़ अभ्यारणय में शिकार के दौरान कुछ इस तरह से नजर आया राजा अलफांसो टी-91।

बाघ टी-91 की सुरक्षा को लेकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में तैनात पुलिसकर्मी ।

बाघ टी-91 की सुरक्षा को लेकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में तैनात पुलिसकर्मी ।

टागइर की सुरक्षा के लिए मुकुंदरा में तैनात रहे पुलिसकर्मी।