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शौचालय बनाने वालों को उपहार में मिलेंगे बाइक, एलईडी, फ्रिज

नगर निगम शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए की राशि देने अलावा पुरस्कार के रूप में बाइक, एलईडी टीवी व फ्रिज देने जा रहा है।

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Zuber Khan

Aug 10, 2017

toilet construction in Home

शौचालय के नाम पर 78 लाख की सब्सिडी डकार चुके हैं आवेदक

कोटा
. केन्द्र सरकार भले ही जिन लोगों के पास फ्रिज है, उसे सरकारी योजना के लाभ से वंचित करने की कार्य योजना बना रही हो, लेकिन नगर निगम प्रशासन शौचालय बनाने के लिए १२ हजार रुपए की राशि देने अलावा पुरस्कार के रूप में बाइक, एलईडी टीवी व फ्रिज देने जा रहा है। उपहार भी स्वच्छ भारत मिशन के खाते से दिया जाएगा। यह योजना अभी शहर के वार्ड तीन में शुरू की जाएगी।


गौरतलब है कि शौचालय के नाम पर आवेदक ७८ लाख से अधिक की सब्सिडी डकार चुके हैं। आयुक्त डॉ. विक्रम जिन्दल ने बताया कि निगम की ओर से कोटा शहर में शौचालय विहीन परिवारों का बेसलाइन सर्वे करवाया गया था, जिसके अन्तर्गत वार्ड 3 में 1900 परिवारों के शौचालय निर्माण के लिए आवेदन प्राप्त हुए। आयुक्त ने बताया कि ये सर्वेधारी शौचालय विहीन परिवार अपने स्तर पर शौचालय का निर्माण करवा सकते हैं।

लाभार्थी अपने नाम की सूची व आईडी नम्बर अपने क्षेत्रीय सेक्टर कार्यालय से, वार्ड पार्षद से अथवा नगर निगम प्रशासनिक भवन के कमरा नम्बर 310 से प्राप्त कर सकते हैं। आयुक्त ने बताया कि सर्वेधारी द्वारा 15 दिवस मे शौचालय का निर्माण कर निर्मित शौचालय का फ ोटो मय आईडी नम्बर निगम के हेल्पलाइन नम्बर 82094-65430 पर वाट्सअप करना होगा। इसके बाद निगम की ओर से उसे 12 हजार रुपए का भुगतान कर दिया जाएगा।

यह मिलेगा उपहार में
प्रथम पुरस्कार : मोटर साइकिल
दूसरा पुरस्कार : एलईडी टीवी
तीसरा पुरस्कार : फ्रिज

एेसे होगा चयन
स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत नगर निगम की ओर से वार्ड तीन के सर्वेधारी शौचालय विहीन 1900 परिवारों में से शौचालय का निर्माण करने वाले प्रथम 300 सर्वेधारियों में से तीन सर्वेधारियों को लक्की ड्रा द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।

एेसे हुआ था घालमेल
स्थानीय निकाय विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार कोटा शहर में १२१५० मकान शौचालय विहीन थे। इसमें १९७१ लोगों को २०१५-१६ में पहली किस्त के बतौर चार हजार रुपए शौचालय बनाने के लिए दिए थे, लेकिन लोगों ने शौचालय नहीं बनाए और राशि का अन्यत्र उपयोग कर लिया। इस राशि की वसूली के लिए निगम ने नोटिस भी दिए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। नए सर्वे में 11 हजार 804 मकान शौलाचय विहीन बताए गए हैं। पार्षदों ने सर्वे पर ही सवाल उठाते हुए बोर्ड बैठक में आरोप लगाया था कि निगम के कार्मिकों ने अपने चहेतों के नाम सर्वे सूची में शामिल कर लिए हैं। पार्षदों ने दुबारा सर्वे की मांग की थी।

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