कोटा.सर्दियों में कोहरे में कोटा रेल मंडल की ट्रेनें अपने मार्ग पर फोग सेफ डिवाइस के चलते बखूबी दौड़ रही हैं। जी हां! कोटा रेल मंडल के स्टेशनों से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में 401 फोग सेफ डिवाइस से ट्रेनों के बेहतर संचालन हो रहा है। डिवाइस ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार, देरी को कमी और यात्री सुरक्षा को बढ़ाने में काम आ रहे है।
देश के उत्तरी हिस्सों में सर्दियों में कोहरा (फोग) ट्रेन संचालन में एक बड़ी समस्या है। इससे ट्रेनों का संचालन, समय पालन व सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। ऐसे में जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस फोग सेफ डिवाइस लोको पायलट के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। डिवाइस घने कोहरे की स्थिति में भी ट्रेन को चलाने में मदद करता है। यह लोको पायलटों (ट्रेन चालक) को सिग्नल, रेलवे क्रॉसिंग गेट, ट्रेन के स्थायी गति प्रतिबंध समेत अन्य निश्चित स्थलों के बारे में आवश्यक जानकारी देता है। इसके अलावा ट्रेक पर आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से करीब 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेत भी देता हैं।
लोको पायलट का सहारा फॉग सेफ डिवाइस
डिवाइस रेलवे के सभी प्रकार के अनुभागों सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर विद्युतीकृत अनुभागों के लिए फिट है। डिवाइस इलेक्ट्रिक और डीजल इंजनों, ईएमयू, एमईएमयू, डीईएमयू के लिए सटीक तरीके से काम करता है। यहीं नहीं डिवाइस 160 किमी प्रति घंटे तक की ट्रेन गति के लिए पर भी बखूबी काम करता है।
लोको पायलट रखते है अपने साथ
डिवाइस को लोको पायलट इसकी खूबियों के कारण अपने साथ रखते है। डिवाइस में 18 घंटे के लिए बिल्ट-इन रिचार्जेबल बैटरी बैकअप है। यह छोटा, हल्का और मजबूत है। इसका वजन महज डेढ़ किलो है। ऐसे में लोको पायलट अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर डिवाइस को अपने साथ आसानी से लोकोमोटिव तक ले जाते है। इसे ट्रेन में लोकोमोटिव के कैब डेस्क पर आसानी से रखा सकता है। डिवाइस कोहरे, बारिश या धूप जैसी- मौसमी स्थितियों से अप्रभावित रहता है।