आरटीयू में दो दिवसीय एडवांसेज इन पावर जनरेशन, रेनूअबल एनर्जी तथा ससटेनेबल डवलपमेंट (अपग्रेस 2023) का समापन हुआ। समापन समारोह में आरटीयू के कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार 2030 तक कार्बन एमिशन पर काम करना चाहती है और 2070 तक जीरो एमिशन। कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के हेड एडिशनल चीफ इंजीनियर आरएन गुप्ता ने बताया कि बायोमास हमेशा देश के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत रहा है। देश में कुल प्राथमिक ऊर्जा उपयोग का लगभग 32 प्रतिशत अभी भी बायोमास से प्राप्त होता है और देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए इस पर निर्भर करती है। थर्मल पावर प्लांट के लिए जरुरी कोयले कि कीमतों को बढ़ते हुए देख कर इन्होंने कहा कि अब हमें सतत ऊर्जा श्रोतों की तरफ जाना ही चाहिए और नई-नई तकनीकों को अपनाना चाहिए साथ ही कहा कि हमें हाइब्रिड मोड पर पावर जनरेशन की तरफ भी सोचने कि जरुरत है।
कार्यक्रम में अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के साइंटिस्ट डॉ. राहुल रावत ने बताया कि भारत सरकार कि प्राथमिकता है कि ज्यादा से ज्यादा एनर्जी अक्षय ऊर्जा श्रोतों से उत्पादन कर देश के प्रत्येक घर में कम कीमत पर बिजली उपलब्ध करवाना है। इसके लिए केन्द्र सरकार सूर्य एवं पवन ऊर्जा के नए से नए प्लांट लगा रही है।
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कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रो. मानसिंह, प्रो. एके चतुर्वेदी, कांफ्रेंस के समन्वयक डॉ. शिव लाल मौजूद रहे। कांफ्रेंस में कुल 113 पेपर प्रस्तुतीकरण में से 90 पेपर प्रस्तुत किए।सऊदी अरब से ऑनलाइन कीनोट प्रो. अब्दुल ख़ालिक़, प्रो. एमवी रेड्डी एनएमजी मोंट्रेल कनाडा, प्रो आदर्श कुमार पांडेय, सनवे यूनिवर्सिटी मलेशिया से अपना कीनोट सेशन ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत किया