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आईजी और सांसद में तकरार, बंसल बोले- Law and Order तोडऩे वालों को तोड़ देंगे, बिरला का पलटवार-घर का राज नहीं

बूंदी की जैतसागर झील किनारे मानधाता छतरी पर आयोजन को लेकर हुए लाठीचार्ज पर पुलिस आईजी और सांसद ओम बिरला में तकरार हो गई।

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कोटा

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Zuber Khan

Jan 02, 2018

Police lathi charge in Bundi

बूंदी की जैतसागर झील किनारे टाइगर हिल पर स्थित मानधाता छतरी पर आयोजन को लेकर हुए लाठीचार्ज पर पुलिस आईजी और सांसद ओम बिरला में तकरार हो गई। आईजी बंसल बोले, कानून व्यवस्था बिगाडऩे वालों पर कोई रहम नहीं किया जाएगा। उन्हें सबक सिखाना जरूरी है। पलटवार करते हुए सांसद बिरला ने कहा कि समर्थकों पर लाठीचार्ज निंदनीय है, बातचीत से भी मसले का हल किया जा सकता था। इसके जवाब में बंसल ने कहा, समर्थक जिस जगह पर आयोजन करना चाह रहे थे, उस जगह की स्थिति अभी जिला प्रशासन ने स्पष्ट नहीं की है।

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कुछ लोगों ने मौके पर जाने का प्रयास किया तो हल्का बल प्रयोग कर उन्हें रोकना पड़ा। कोई घायल हुआ तो दिखवाया जाएगा। बूंदी में शांति रखने के प्रयास रहेंगे। किसी ने बदमाशी की तो छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं, बिरला ने कहा, बूंदी में लोगों को रोकने के लिए लाठीचार्ज की जरूरत नहीं थी, उन्हें बातचीत से भी रोक सकते थे। लाठीचार्ज निंदनीय है। पुलिस के द्वारा निर्दोष लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।

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लोगों को घरों से निकाल कर लाठियों से पीटना कहां का इंसाफ है।
गौरतलब है कि जैतसागर झील किनारे टाइगर हिल पर स्थित मानधाता छतरी पर आयोजन के लिए सुबह से ही लोग शहर के अलग-अलग स्थानों पर जुटना शुरू हो गए थे। पुलिस ने कुछ जगहों से लोगों को खदेड़ा भी, लेकिन भीड़ बढ़ती गई। सभी मालनमासी बालाजी परिसर में एकत्र हो गए। संत रामलखन दास भी समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए। उनके साथ लोग जाने लगे तो पुलिस ने रोकने का प्रयास ी किया, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई। मीरागेट के पास पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पुलिस ने गलियों और घरों में घुसे लोगों को निकाल-निकाल कर मारा। इससे नौ जनों को गंभीर चोटें आई। जिन्हें बूंदी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। बाद में पुलिस ने सभी मार्गों से लोगों को खदेड़ दिया। लाठीचार्ज की सूचना मिलने पर आईजी विशाल बंसल भी बूंदी पहुंच गए। एसपी आदर्श सिधु, एडीएम नरेश मालव व ममता तिवाड़ी भी हालात पर निगरानी रखे रहे। कोतवाली थानाधिकारी रामनाथ ने बताया कि रास्ता रोकने, धारा 144 का उल्लंघन करने व सरकारी कर्मचारियों में भय व अवसाद पैदा करने के मामले में एक दर्जन नामजद सहित 500 से 700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है व 41 जनों को हिरासत में लिया।

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यह है प्रकरण
जैतसागर झील किनारे स्थित पहाड़ी पर छतरी बनी हुई थी, जो कई वर्षों पहले आकाशीय बिजली गिरने के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई। इस छतरी का वन विभाग ने जीर्णोद्धार कराया। इसे लेकर 29 अप्रेल 2017 को भी विवाद हो गया था। तब लोगों ने इस छतरी में कोई मूर्ति नहीं होने की बात कही थी। मामले में गिरफ्तारियां भी हुई। अब आठ माह बाद इसी छतरी में आयोजन को लेकर यहां लोगों ने आह्वान कर दिया। इधर, प्रशासन का तर्क है कि जब तक छतरी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। मामले ने इसलिए तूल पकड़ा कि जिला प्रशासन ने बीते आठ माह में इस छतरी के विवाद को दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए।