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हौसले के साथ कार्य में जुटे है एक ही परिवार के 10 ‘कर्मवीर’

रामनिवास कुमावतकुचामनसिटी. विश्वव्यापी कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए राजस्थान व केन्द्र सरकार ने पूरी ताकत झौंक रखी है। वही कुचामन शहर के निकटवर्ती ग्राम रसाल में एक ही परिवार के 10 कार्मिक चिकित्सा विभाग में हौसले के साथ कार्य में जुटे हुए है।

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कुचामनसिटी. राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत लैब टेक्नीशियन राकेश पूनिया।

कुचामनसिटी. राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत लैब टेक्नीशियन राकेश पूनिया।


- ग्राम रसाल के एक ही परिवार के चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रहे 10 सदस्य

कुचामन के राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत लैब टेक्नीशियन राकेश पूनिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी निरन्तर कोरोना संदिग्ध व कोरोना पीडि़तों का इलाज करने में लगे हुए है। साथ ही इनके परिवार के अन्य 9 कार्मिक भी अलग-अलग जगहों पर कार्य कर रहे है। यहां तक की इनके परिवार में गत दिनों एक मौत हो जाने के कारण कोरोना महामारी एवं लॉक डाउन की वजह से अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भी नहीं शामिल नहीं हो सके। ये सभी कर्मवीर घर-परिवार को छोडकऱ कोरोना से जंग लड़ते हुए कर्मव्य निभा रहे है। इन सभी कर्मवीरों पर नाज है कि इस संकट के समय में बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे है।
परिजन बढ़ाते है हौसला
भले ही ये दस कर्मवीर कोरोना से जंग लड़ रहे है। लेकिन पति, पत्नीयां, बच्चे व माता-पिता फोन के द्वारा कुशलक्षेम पुछकर हौसला बढ़ाते है। जब ये कोरोना के कर्मवीर ड्यूटी पर रहते है तो उनके परिजन फोन पर यही कहते है कि कोरोना से डरना नहीं, बल्कि कोरोना को हराना है। साथ ही चिकित्सीय कार्य के दौरान सुरक्षा रखने का भी बार-बार कहते है। जब भी परिजनों की इन कर्मवीरों से बात होती है तो यही कहते है कि अभी समय परिवार वालों से मिलने का नहीं है, बल्कि डटकर कोरोना से मुकाबला करने का है।
कब जाएगा यह कोरोना
पिछले कई दिनों से ये 10 कर्मवीर अपने बच्चों से भी नहीं मिले है। शाम-सुबह इनके बच्चे भी कर्मवीरों को फोन करके पूछते है कि ये कोरोना कब जाएगा। कुचामन चिकित्सालय के लैब टेक्नीशियन राकेश पूनिया बताते है कि पिछले कई दिनों से परिवार के साथ खाना तक नहीं खाया है। उन्होंने बताया कि कोरोना से परिवारजनों को सुरक्षित रहने के लिए न तो बच्चों से मिल पाते है और न ही बच्चों को अन्य कामकाज के लिए समय दे पाते है। लैब टेक्नीशियन राकेश पूनिया ने बताया कि जब उनका नन्हा बच्चा मनन पूनिया पूछता है कि पापा यह कोरोना कब जाएगा तो इसका जबाब देने के बजाए इनके पास केवल दिलासा देने के अतिरिक्त कुछ नहीं है।
यह है 10 कोरोना कर्मवीर
नाम स्थान
के. आर. पूनिया सीएचसी, पींसागन
विमला पूनिया सीएचसी, कुकनवाली
शिमला पूनिया एमडीएम हॉस्पिटल, जोधपुर
राजेश पूनिया सीएचसी, मकराना
राकेश पूनिया राजकीय चिकित्सालय, कुचामन सिटी
इन्द्रा पूनिया राजकीय चिकित्सालय, कुचामन सिटी
मुकेश पूनिया जेएलएन, अजमेर
सुरेश पूनिया जेएलएन, अजमेर
मनिष पूनिया पीएचसी, खुड़ीकला (डेगाना)
सुमन पूनिया जयपुर
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