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कुचामनसिटी. जिन विभागों में ज्यादा निगरानी की आवश्यकता होती है वहां नजर नहीं रख अब महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ज्यादा निगरानी रखी जाएगी। इस तरह के आदेश अभी हाल ही में नई सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए वैसे ही बहुत कम बजट मिलता है। केन्द्रों के आंगनबाड़ीकर्मियों को दो-पांच हजार रुपए मानदेय ही दिया जाता है, लेकिन जिन विभागों में हर माह करोड़ों की राशि खर्च होती है। जिन विभागों के कार्मिकों का वेतन 50 से एक लाख रुपए प्रतिमाह भी होता है, उन विभागों के निरीक्षण नहीं कर अब सरकार छोटे-मोटे विभागों के मामूली सी केन्द्रों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अभी हाल ही में आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें नए फरमान थमा दिए हैं। फरमान में आरोप लगाया गया कि निरीक्षण के दौरान केन्द्रों पर कई प्रकार की अनियमितताएं पाई जाती है, जिनको रोकने के लिए सुदृढ़ प्रयास ब्लॉक व जिला स्तर पर नहीं किए जाते। जबकि ब्लॉक स्तर पर परियोजना अधिकारी महिला पर्यवेक्षकों के माध्यम से केन्द्रों पर निगरानी रखते हैं। आदेशों में उपनिदेशकों व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करवाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के जांच प्रस्ताव संबंधित अनुशासनिक अधिकारी को भिजवाएं। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रकरण सीधे निदेशालय को नहीं भिजवाकर, जिला स्तर के उपनिदेशक के माध्यम से ही संबंधित अनुशासनिक अधिकारी को भिजवाएं। निदेशालय में जांच प्रस्ताव भिजवाते समय जांच प्रस्ताव के साथ ही स्वउच्चारित प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भिजवाने की बात कही गई है।
इन बातों पर दिया जोर
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर साइन बोर्ड लगाने, केन्द्र पर स्वच्छता का ध्यान रखने, ग्रोथ चार्ट का नियमित संधारण करने, केन्द्रों पर अवधिपार पोषाहार का पाना, केन्द्र पर अवधिपार दवाइयों का पाया जाना आदि की व्यवस्था रखने पर जोर दिया गया है। जबकि केन्द्रों पर निरीक्षण के समय ये तैयार मिल ही जाते हैं। कुछ केन्द्रों पर नहीं मिलता तो वहां निर्देश देकर उसको पूरा करवा लेते हैं।
इनका कहना है
आंगनबाड़ी केन्द्रों की विभाग की महिला पर्यवेक्षक नियमित निरीक्षण करती है। इसके अलावा अधिकारी भी दौरा करते हैं। महिला पर्यवेक्षक प्रतिदिन विजिट पर जाती है।
- आनंद दायमा, अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कुचामनसिटी
Published on:
05 Feb 2019 05:24 pm
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