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प्रशिक्षित कार्मिक को हटाया, अप्रशिक्षित को लगाया, रोडवेज पास बनाने का कार्य हो रहा प्रभावित

वरिष्ठता का दिया हवाला, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

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baran

Roadways buses are not even on contract

कुचामनसिटी. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में प्रशिक्षित कार्मिकों को हटाया जा रहा है। वहीं अप्रशिक्षित कार्मिकों को कार्य की अधिकता की पोस्ट पर लगाया जा रहा है। जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। ताजा मामला कुचामन रोडवेज कार्यालय का है। जहां पर वरिष्ठता का हवाला देकर एक कार्मिक को स्मार्ट कार्ड शाखा में लगा दिया। यही नहीं जिन को लगाया उनको कुचामन स्थान प्रभारी का प्रभार भी सौंप दिया। ऐसे में लोगों को स्मार्ट कार्ड बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार पूर्व में स्मार्ट कार्ड शाखा में दिनेश कुमार शर्मा को लगा रखा था। उनके पास ही पूर्व में स्थान प्रभारी का प्रभार भी था। लेकिन अचानक डीडवाना आगार की ओर से आदेश जारी किए गए कि द्वारका प्रसाद सोनी वरिष्ठ कार्मिक है। ऐसे में उनको स्मार्ट कार्ड शाखा तथा स्थान प्रभारी का कार्यभार सौंपा जाता है। जाता है वहां कार्यरत दिनेश कुमार शर्मा को कनिष्ठ मानते हुए डीडवाना मार्ग पर लगाया जाता है। उक्त आदेश तीन जनवरी को जारी हुए। इसके बाद शर्मा 12 जनवरी को कुचामन कार्यालय से रिलीव हो गए। वे यहां 18 अप्रेल 2017 से लगे हुए थे। शर्मा का स्थानांतरण डीडवाना मार्ग पर होने पर उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि शर्मा की कोई शिकायत है क्या। लेकिन अधिकारियों ने भी यही कहा कि शर्मा की कोई शिकायत नहीं है। सिर्फ द्वारका प्रसाद सोनी वरिष्ठ कार्मिक है। ऐसे में उनको कुचामन स्मार्ट कार्ड शाखा तथा स्थान प्रभारी का प्रभार सौंपा जाता है। इधर स्थानांतरण के बाद शर्मा के पिता की तबीयत खराब हो गई।

इधर, पशुधन में बढ़ रही बांझपन की बीमारी
कुचामनसिटी. क्षेत्र के पशुधन में बांझपन की बीमारी बढ़ रही है। पशुपालन विभाग भी इस बीमारी पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लगा पा रहा है। हालांकि विभाग की ओर से बांझपन निवारण के लिए चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जानकारी के मुताबिक कुचामन पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय क्षेत्र की तहसीलों में लाखों की संख्या में पशुधन है। वहीं विभाग के सामने बांझपन की बीमारी से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि कृत्रिम गर्भाधान पर विभाग की ओर से जोर दिया जा रहा है। लेकिन अन्य कारणों से भी बांझपन की बीमारी बढ़ रही है। विभाग के चिकित्सकों के अनुसार पशुओं में बांझपन व प्रजनन संबंधी रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इससे पशु ब्याने से वंचित रह जाता है। इसके कई कारण है। इनमें शारीरिक (एनाटोमिकल) संरचनात्मक विकार जन्मजात पशुधन में पाना, आनुवंशिकीय, संक्रामक रोग एवं पशु पोषण भी शामिल है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि पशुधन को हरा चारा संतुलित आहार व खनिज लवण का मिश्रण आवश्यक रूप से खिलाना चाहिए। संतुलित आहार में 300 से 500 ग्राम मैथी मिलाकर (पशु के भार के अनुसार) दिया जा सकता है।


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