
Steal water from motor,No spout on tap
कुचामनसिटी. कुचामन सहायक निदेशक कृषि कार्यालय क्षेत्र के प्याज उत्पादक क्षेत्र में पानी का पीएच मान सामान्य से अधिक हो गया है। इससे प्याज की गुणवत्ता व मात्रा पर व्यापक असर पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार कुचामन क्षेत्र में पानी कम हो रहा है। वहीं जलस्तर में भी निरंतर गिरावट आ रही है। प्याज के लिए भूमि व पानी का पीएच मान अधिकतम 7.5 होना चाहिए। जबकि कुचामन क्षेत्र में पानी का पीएच मान 7.5 सामान्य से अधिक हो गया है। इससे प्याज की गुणवत्ता खराब हो गई है। वहीं उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। वर्तमान में प्याज की रोपाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। लेकिन किसानों को चिंता सता रही है कि कहीं प्याज को तैयार करने में लागत से कम उपज हासिल नहीं हो जाए। क्योंकि प्याज की फसल को तैयार करने में लागत बढ़ गई है। प्याज की बुआई, जुताई, बीजाई, रोपाई, दवाई, पिलाई, उर्वरक, खाद में किसानों को अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है। ऐसे में प्याज को उत्पादित करने में काफी दिक्कत आ रही है। रही सही कसर पानी का पीएच मान अधिक होने से पूरी हो गई है। क्योंकि किसानों को फसल तैयार करने में लागत तो पूरी आ रही है। लेकिन उत्पादन व गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। वर्तमान में एक हैक्टेयर क्षेत्र में 250-300 क्विंटल प्याज की पैदावार होती है। वहीं प्याज के भाव सीजन में किसानों की कमर तोड़ देते हैं। थोक में 7.10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ही किसानों को मंडी प्याज बेचना पड़ता है। इसके अलावा प्याज का रकबा भी धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। दो दिन साल पहले जहां चार हजार हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज की रोपाई होती थी। वह अब सिर्फ 2500 हैक्टेयर क्षेत्र में सिमट कर रह गई है।
मीठे प्याज से रहना पड़ रहा वंचित
पूर्व में कुचामन क्षेत्र में मीठे प्याज की भरपूर पैदावार होती थी। लेकिन अब प्याज की गुणवत्ता खराब हो गई है। इसके पीछे पानी का पीएच मान सामान्य से अधिक होना बताया जा रहा है। हालांकि अभी मीठे प्याज की अच्छी पैदावार होती है। लेकिन गुणवत्ता पर दिनोंदिन असर पड़ता जा रहा है। ऐसे में लोगों को भरपूर मात्रा में मीठे प्याज से वंचित रहना पड़ रहा है।
इनका कहना है
कुचामन क्षेत्र में पानी का पीएच मान सामान्य ७.५ से अधिक हो गया है। इससे प्याज की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ रहा है। साथ ही उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। जलस्तर में भी निरंतर गिरावट आ रही है।
- शिशुपाल कांसोटिया, कृषि अधिकारी (फसल), सहायक निदेशक कृषि कार्यालय, कुचामनसिटी
रिपोर्ट- कमलेश मीना
Published on:
14 Jan 2019 04:15 pm
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