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इस बार सरसों का बढ़ेगा उत्पादन, कम पानी की वजह से दी थी फसल को ज्यादा तरजीह

कृषि विभाग के कुचामन सहायक निदेशक कार्यालय क्षेत्र का मामला

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kuchaman

कमलेश मीना
कुचामनसिटी. क्षेत्र के किसानों को इस बार सरसों से अच्छी आमदनी हो सकती है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि कृषि विभाग के आंकड़ों से तो ऐसा ही लग रहा है। क्षेत्र में इस बार सरसों की बम्पर बुआई हुई थी और अभी तक सरसों की फसल ठीक भी है। ऐसे में सरसों का बम्पर उत्पादन होने की उम्मीद नजर आ रही है। कृषि विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस बार 8500 हैक्टेयर में सरसों की बुआई की गई, रबी की अन्य फसलों से सबसे ज्यादा है। सिर्फ इसबगोल का रकबा ही सरसों से ज्यादा है। अन्य का सरसों से कम रकबा है। सरसों की फसल कम पानी की फसल है। ऐसे में किसानों ने इस फसल को बोने में रुचि दिखाई। वहीं सरसों का भाव भी अभी ठीकठाक है। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। कुचामन क्षेत्र में दिनोंदिन जलस्तर गिरता जा रहा है। ऐसे में किसान कम पानी की फसलों की तरफ ध्यान दे रहे हैं। इसी के तहत किसानों ने सरसों की ओर रुख दिखाया और रबी की फसलों में सबसे ज्यादा बुआई सरसों की कर दी। गौरतलब है कि इस बार रबी की बुआई करीब एक लाख हैक्टेयर में हुई।

पाले का पड़ सकता है असर
क्षेत्र में पिछले तीन-चार दिन से मौसम खराब चल रहा है। ऐसे में सरसों की फसल पर पाले का असर पड़ सकता है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सावचेती बरतने के लिए कहा है। उनका मानना है कि पाले का असर सरसों की फसल में काफी होता है। ऐसे में पाले का असर सरसों की फसल पर पड़ सकता है।

इनका कहना है
सरसों की फसल जल्द ही किसानों के हाथ लग जाएगी। कुछ जगहों पर तो कटाई भी शुरू हो गई है। वैसे अभी तक सरसों में कोई नुकसान नहीं है। फिर भी सरसों की फसल को पाले से बचाने की आवश्यकता है।
- भंवरलाल बाजिया, सहायक निदेशक (विस्तार), कृषि विभाग, कुचामनसिटी

अन्य फसलों का यह रहा रकबा
सरसों 8500
जौ 6850
चना 8000
तारामीरा 600
अलसी 8,
जीरा 1400
मैथी 1950

सौंफ 150
चारा 1490

ईसबगोल 17500


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