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कुचामनसिटी. हर साल नगरपालिका नए वित्तीय वर्ष के लिए अपना बजट तैयार करती है। गत वर्ष 30 जनवरी को नगरपालिका की बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 133 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया था, जिसके अधिकांश कार्य आज भी अधूरे हैं। कारण भी स्पष्ट है कि आम बजट को लेकर हुई बोर्ड बैठक के बाद वापस नए वित्तीय वर्ष के बजट के लिए ही दुबारा बैठक बुलाई गई है। इस बीच पूरे साल में एक भी बोर्ड बैठक नहीं हुई। जबकि नियमानुसार 60 दिवस में बोर्ड बैठक बुलाने का नियम है। शहर की नगरपालिका में पालिका अध्यक्ष राधेश्याम गट्टाणी की अध्यक्षता में आगामी दिनों में बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट का प्रावधान रखा जाएगी। जिसकी सदन से अनुमति ली जाएगी। सदन के सदस्य भी बजट के प्रस्ताव पर आम सहमति बना ही लेते है और बजट पारित भी कर दिया जाता है। लेकिन विगत तीन वर्षों के बजट पर गौर किया जाए तो हर साल बजट में एक समान ही प्रावधान रखे जा रहे हैं। जिन पर कोई कार्य नहीं होता है और विकास अधूरा ही रह जाता है। पत्रिका ने आगामी दिनों में शहरी विकास की दृष्टि से नगरपालिका के सदन में पेश होने वाले बजट को लेकर पड़ताल की तो सामने आया हर साल बजट के नाम पर महज कागजी घोड़े ही दौड़े जाते है। लेकिन धरातल पर पालिका की कार्रवाई शून्य नजर आती है। बजट को विकास पर आधारित बड़ा बनाने के लिए केवल रुपए की जोड़ लगाकर एक अरब से अधिक बजट प्रस्तावित तो कर लिया जाता है। लेकिन प्रबंधन में कमी और विकास के प्रति उदासीन रवैये के कारण विकास को गति नहीं मिल पाती। बजट के लिए बोर्ड बैठक से पूर्व वित्त समिति की भी एक साल बाद ही आगामी दिनों में बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें बजट का प्रारुप तैयार किया जाएगा। वित्त समिति के अध्यक्ष बनवारीलाल मोर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में करीब 135 करोड़ के बजट पर मुहर लग सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी माह के पहले सप्ताह में ही वित्त समिति और बोर्ड की बैठकें बुलाई जाएगी। जिसमें आगामी वर्ष का बजट तैयार कर लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार बजट में कुछ भी नया नहीं है। सभी प्रस्ताव वही है जो पिछले वर्षों से लंबित चल रहे है। गत दो वर्ष से हर बार बजट में सीवरेज लाइन को भी शामिल किया जा रहा था।लेकिन सीवरेज का कार्य शुरु भी नहीं हुआ। नगरपालिका की ओर से बजट का खाका तो तैयार किया जाता है लेकिन बोर्ड बैठकें समय पर नहीं होती। विकास में सदन की भूमिका शून्य होने के कारण ना तो समय पर विकास के प्रस्ताव पारित होते है और उन पर कार्रवाई शुरू हो पाती है। वर्ष 2017 के पूरे वित्तीय वर्ष में कोई बोर्ड बैठक नहीं हुई थी। एक बैठक हुई थी लेकिन वह भी मारपीट और लड़ाई-झगड़े में समाप्त हो गई। पिछले वर्ष में बजट की बैठक के बाद कोई बैठक नहीं हो सकी।
यह रहेगा बजट का खाका
वित्त समिति की ओर से आगामी बोर्ड बैठक में पेश किए जाने वाले बजट में सीवरेज के लिए 85 करोड़, बस स्टैंड के लिए 8 करोड़ का बजट, स्टेडियम विकास के लिए, सातवें वेतन आयोग के साथ कर्मियों का वेतन, विकास और अन्य निर्माण कार्यों को लेकर 135 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा सकता है।
पालिका की संभावित योजना
बजट में संभावित रखा गया है कि सीवरेज का पूरा पैसा सरकार से अनुदान के रुप में मिलना है। इसके अलावा बस स्टैंड के दुकानों की नीलामी से होने वाली आय से ही स्टैण्ड का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। 10 करोड़ से सडक़, नाली सहित अन्य विकास कार्यों के लिए मद जोड़े गए है।
वर्ष 2017-18और 2018-19 के बजट में यह थे प्रस्ताव
10 करोड़ से बनना था बस स्टैण्ड- कार्य शुरु
सीवरेज के लिए 85 करोड़ के प्रस्ताव- प्रगति शून्य
नगरपालिका भवन विस्तार के लिए थे 2 करोड़- टेण्डर हुए, निर्माण शुरू नहीं
एलईडी लाइटों के लिए 5 करोड़- कई वार्डों में लगाई
सफाई सामग्री के लिए थे 20 लाख- टैम्पों सहित सामग्री क्रय
सडक़ों व स्टेडियम विकास के थे 4 करोड़- स्टेडियम में विकास अधूरा
सौ सफाई कर्मियों की नई भर्ती के लिए प्रस्ताव- नहीं हो सकी भर्ती
पालिका में सहायक अभियंता और आर. आई का पद सृजित करने का प्रस्ताव- नहीं मिली सकी नियुक्ति
ऑनलाइन शिकायत सेल खोलने का प्रस्ताव- अब तक शून्य
बजट 2019-20 में यह है मुख्य प्रस्ताव
1. 85 करोड़ की सीवरेज योजना
2. 8 करोड़ बस स्टेण्ड का निर्माण कार्य
3. 6 करोड़ से सडक़, नाली व अन्य विकास कार्य
4. 2 करोड़ से नया नगरपालिका भवन
इनका कहना है
आगामी माह के पहले सप्ताह में ही बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट शामिल किया जाएगा।
- श्रवणराम चौधरी, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका कुचामनसिटी
Published on:
30 Jan 2019 04:10 pm
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