कुशीनगर में हुए हादसे के बाद सीएम योगी भी मौके पर पहुंच गये हैं। सीएम योगी ने खुद मीडिया के सामने कहा है कि दुर्घटना में चालक की लापरवाही की बात सामने आ रही है, यदि चालक ईयरफोन लगा कर स्कूली वैन नहीं चलाता तो बच्चों की जान बच सकती थी। सीएम योगी की बात से साफ हो जाता है कि भदोही की तरह कुशीनगर में भी मानवरहित रेलवे क्रासिंग के बाद चालक का ईयरफोन ही बच्चों की मौत का कारण बना है। बड़ा सवाल है कि यातायात नियमों को ताक पर रख कर कब तक स्कूली वैन चालक ईयरफोन लगा कर बच्चों के मौत का कारण बनते रहेंगे। ट्रैफिक पुलिस व स्कूल चालकों पर कब ऐसे चालकों को लेकर कार्रवाई होगी। जिन लोगों के घर का चिराग बुझ गया है, उनसे पूछे तो पता चलेगा कि चालक की एक गलती ने उनकी जिंदगी में हमेशा के लिए अंधेरा ला दिया है। मौसमी अभियान की तरह जिला प्रशासन के लोग स्कूली बस की फिटेनस व चालकों की जांच करते हैं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता है। स्कूल संचालक भी इतनी सख्ती नहीं कर पाते हैं कि ईयरफोन लगा कर स्कूली वैन चलाने वालों को नौकरी से निकाला जा सके। सरकार की शिथिलता के चलते ही भदोही के बाद कुशीनगर हादसा हुआ है यदि अब भी सरकार की आंख नहीं खुली तो आने वाले समय में ऐसी और दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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