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देर रात पशुबाड़े में सोया था अधेड़, सुबह मिली लाश

गोला कोतवाली क्षेत्र में एक अधेड़ का शव सुबह चारपाई पर लहूलुहान अवस्था में मिलने से सनसनी फैल गई।

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DEATH

लखीमपुर-खीरी। गोला कोतवाली क्षेत्र में एक अधेड़ का शव सुबह चारपाई पर लहूलुहान अवस्था में मिलने से सनसनी फैल गई। अधेड़ की बेरहमी से हत्या की गई थी। सूचना मिलते ही सीओ गोला दलबल समेत पहुंच गए। परिजनों से जानकारी लेने के बाद पुलिस को शीघ्र खुलासे के निर्देश दिए। पुलिस ने परिवारीजनों के बयान दर्ज कर शव को पास्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि परिवार ने किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगाया है।

खून से सनी लाश मिली चारपाई पर

जानकारी के अनुसार, गोला कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बैकुंठा निवासी विश्वनाथ सिंह (43) पुत्र दलगंजन सिंह शुक्रवार को घर के आगे बने पशुबाड़े में सो रहा था। सुबह जब देर तक वह नहीं उठा, तो उसकी बेटी पूर्णिमा उसे जगाने के लिए बाड़े में पहुंच गई। वहां के हालात देख उसके होश उड़ गए। विश्वनाथ की खून से सनी लाश चारपाई पर पड़ी थी। बिस्तर और रजाई भी पूरी तरह से खून से भीगी थी। यह देखते ही पूर्णिमा जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर परिजन व आस-पड़ोसी मौके पर दौड़ आए। लाश देख कर लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने भी सीओ गोला को मामले से अवगत कराया। कुछ देर बाद सीओ गोला व कोतवाली पुलिस घटना स्थल पर आ गई।

परिजनों ने बताया कि पिता देर रात खाना खाने के बाद पशुबाड़े में चले गए थे। जानवरों की सुरक्षा के लिए वह वहीं लेटते थे। रात को किसी प्रकार की चीखने-चिल्लाने की आवाज भी नहीं आई थी। घटना के हालात यह बताने को काफी थे कि विश्वनाथ की हत्या धारदार हथियारों से प्रहार कर की गई थी। उन्हें किसने मारा इसको लेकर अभी संशय बरकरार है। परिजनों ने किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगाया है। सीओ ने परिवार से मुलाकात की और जल्द ही हत्यारोपियों के गिरफ्त में होने का आश्वासन दिया। इसके अलावा पुलिस को भी शीघ्र खुलासा करने के निर्देश दिए। पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भिजवाया।

प्री-प्लान लग रही हत्या

घर के करीब स्थित पशुबाड़े में सो रहे विश्वनाथ की बेहरमी से धारदार हथियारों से प्रहार कर हत्या कर दी गई। लेकिन चौकाने वाली बात है कि न तो किसी को इसका पता चला और न ही विश्वनाथ चीखा-चिल्लाया। ऐसा तभी संभव है जब लोग उसकी हत्या के इरादे से ही आए हों। संभव है कि हत्यारों ने उसका मुंह दबाने के बाद उसे मौत के घाट उतारा हो जिस वजह से वह चीख-चिल्ला न सका हो। यदि किसी पर आरोप नहीं है, तो प्रथम दृष्टया करीबी ही शक के दायरे में है।


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