
Momo game
लखीमपुर खीरी. बच्चों के लिए ब्लू व्हेल के बाद अब मोमो व्हाट्सएप्प चैलेंज गेम भी जानलेवा साबित हो रहा है। इस खतरनाक खेल से भारत में कई बच्चों की जान जा चुकी है। ऐसे ही एक घटना मंगलवार की सुबह लखीमपुर शहर की आवास विकास कॉलोनी से सामने आई। जहां मोमो गेम के चक्कर में 15 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली। दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले 15 वर्षीय छात्र वैभव की माँ ने बताया की सोमवार को देर रात वैभव मोमो गेम खेल रहा था। गेम खेलता देख मैं वहां से अपने कमरे में चली गई। जिसके बाद मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे स्कूल जाने के टाइम पर मैं उसके कमरे में गई। अंदर जाकर देखा तो वैभव बिस्तर पर नहीं था। जिसके बाद घर में मैंने उसकी तलाश की तो उसका शव जीने के पास जाल पर दुपट्टे के सहारे लटक रहा था। परिजन पुलिस को सूचना दिए बगैर वैभव का शव लेकर अपने गांव भानपुर चले गए। वैभव शहर के लखनऊ पब्लिक स्कूल में दसवीं का छात्र था। वैभव के पिता अजीत पेशे से वकील है, और मां टीचर है। परिजनों का कहना है कि वैभव ने मोमो चैलेंज गेम की वजह से जान दी है। दरअसल ब्लू व्हेल गेम की तरह इस खतरनाक खेल का आखिरी टास्क भी मौत ही है।
क्या है मोमो वाट्स एप चैलेंज गेम-
दरअसल यह खूनी खेल व्हाट्सप्प पर आधारित है। ब्लू व्हेल चैलेंज की तरह इसमें भी खतरनाक स्टार्ट मिलता है। सोशल मीडिया पर जापान के एरिया कोड वाला नंबर वायरल होता है। व्हाट्सएप्प पर कांटेक्ट नंबर सेव करने पर खतरनाक तस्वीर लगी प्रोफाइल सामने आती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोमो की प्रोफाइल सबसे पहले लोगों को फेसबुक पर देखी। प्रोफाइल में लगी तस्वीर का चेहरा 2016 में जापान के संग्रहालय में प्रदर्शित एक मूर्ति से मिलती है। लोगों के दिलो-दिमाग में खौफ पैदा करने वाला मोमो गेम एक षड़यंत्रकारी थ्योरी पर आधारित है। लेटिन अमेरिका के वाद इस खतरनाक खेल ने अमेरिका के लोगों की नींद छीन ली है।
कैसे बचाएं बच्चों को- खतरनाक खेल के जाल में बच्चे आसानी से फंस जाते हैं ऐसे में अभिभावकों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मां-बाप निन्म दी गई कुछ सावधानियां बरत कर अपने बच्चों को इस खेल में फंसने से रोक सकते हैं-
1- सोशल मीडिया अकाउंट पर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें। वो क्या लिख रहे हैं, क्या पोस्ट कर रहे हैं, इसे नियमित रूप से चेक करें।
2- अपने मोबाइल फोन को एंटी वायरस से सुरक्षित रखें इससे संदिग्ध लिंक खोलने के दौरान पॉप-अप आ जाएगा। एंटी वायरस प्रोटेक्शन से फेसबुक मैसेंजर एस एम एस वाट्स एप भी सुरक्षित रहेंगे।
3- ध्यान रखें कि अपने और बच्चों के मोबाइल की कॉन्टेक्ट लिस्ट में परिचितों के ही नंबर हों। फोन में पैटर्न लॉक की सुविधा भी रखें।
4- बच्चे अगर गुमसुम, उदास नजर आए या फिर व्यवहार में असामान्य परिवर्तन हो, तो उनकी अतिरिक्त देखभाल करें।
Published on:
28 Aug 2018 10:06 pm
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