
Inflation reduced the Ravana cost
लखीमपुर-खीरी। शनिवार को होगी बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म व आतंकी पर शांति रक्षक की जीत। दशहरा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। अधर्म और आतंक का बुत पूरे गुरूर व अपने परिवार के साथ मेला मैदान पर खड़ा है। शनिवार को वध के साथ ही रावण के पुतले का दहन किया जायेगा। अभी से लोगों में रावण वध को लेकर उत्साह नजर आ रहा है।
152 साल से रामलीला का आयोजन हो रहा है। इतना समय बीतने के बावजूद रावण वध देखने की लालसा लोगों में आज भी खत्म नहीं हुई है। रविवार की देर शाम को रावण का बुत खड़ा किया जा चुका था। तो देर रात से ही लोग रावण के पुतले को देखते नजर आये। सोमवार की सुबह रावण पूरी तरह से तैयार होकर खड़ा हो चुका था। नीचे आदम कद में रावण के भाई कुंभकरण, अहिरावण व पुत्र मेघनाद का बुत भी जलाये जाने को खड़ा किया गया था। रामलीला भी धीरे-धीरे रावण वध तक पहुंच रही है।
सफल व सुरक्षित आयोजन को लेकर पुलिस बल तैनात किया गया है। भीड़ के मद्देनजर रूट डाइवर्जन का खाका भी तैयार कर लिया गया है। साथ ही मोहर्रम को देखते हुये दोनों आयोजन सफल बनाने के लिये प्रशासन पूरी गंभीरता दिखा रहा है।
महंगाई के बोझ में दब गया रावण का कद
एक वक्त था जब रावण में करीब पचास फुट का रावण खड़ा किया जाता था। कई किमी दूर से ही रावण नजर आने लगता था। मगर निरंतर बढ़ती महंगाई के साथ कद घटता गया। आज कद 15-20 फुट तक ही रह गया है। यही नहीं वह पहले से कमजोर भी नजर आ रहा है। वहीं साथ खड़े बुत भी रावण कुटुम्ब की बजाय कुपोषित परिवार की मिशाल पेश कर रहे हैं। इतने कमजोर और कुपोषित परिवार का वध देखने लोगों को द्रवित भी कर सकता है।
...तो क्या अधर्मियों के साथ ही जलेगा धर्मवादी भी
रावण के नीचे आदम कद चार बुत और दहन के लिए खड़े किए गए हैं। इनमें एक पुत्र मेघनाद है। दूसरा कुंभकरण व तीसरा अहिरावण है। मगर चौथा बुत लोगों को असमंजस में डाल रहा है। रावण का चौथा भाई विभीषण धर्मवादी था। श्रीराम विजय में अहम भूमिका निभाने वाला। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या अधर्मियों के साथ धर्मवादी को भी दहन किया जाएगा।
Published on:
29 Sept 2017 10:02 pm
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