स्थानीय बेसिक शिक्षा अधिकारी को जनसूचना न देना महंगा पड़ गया। ग्राम बिरधा के रहने वाले गौरव पाराशर ने जनसूचना अधिनियम 2005 के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण सूचना मांगी थी जो उन्होंने समय पर उपलब्ध नहीं कराई थी। जिसके बाद उन्होंने इसकी अपील की थी।

यह भी पढ़ें - अपने को अकेला ना समझें, मैं एक मां का दायित्व हमेशा निभाऊंगी' - मेनका गांधी राज्यसूचना आयोग में इस कि सुनवाई भी हुई लेकिन जनसूचना अधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ललितपुर उपस्थित नहीं हुए और सूचना आयोग के निर्देशों के अवहेलना की। जिसके बाद उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया था और दोषी पाये जाने पर जनसूचना अधिनियम 2005 के धारा 20(1) के अंर्तगत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश पर अलग-अलग आवेदन पत्र पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया।