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बुंदेलखंड में शुरू हो गई पानी की लूट, पुलिस कर रही पहरेदारी

बुंदेलखंड में पीने और सिचाई के पानी का संकट इस कदर खतरनाक रूप ले चुका है कि यहां पानी की लूट तक की घटनाएं आम हो चुकी है।

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ललितपुर. बुंदेलखंड में पीने और सिचाई के पानी का संकट इस कदर खतरनाक रूप ले चुका है कि यहां पानी की लूट तक की घटनाएं आम हो चुकी है। खेतों में पलेवा के मौसम में इस क्षेत्र में नहरों को काटने की घटनाएं आम हो जाती हैं। दबंग किसान अपने खेतों में सिचाई करने के लिए नहर को काट देते हैं जिससे पानी आगे नहीं बढ़ पाता। ललितपुर जनपद में कई जगह पर नहर काटे जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद नहर काटने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। ऐसे स्थानों की निगरानी के लिए पुलिस की तैनाती भी की गई है।

कई लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मुक़दमे

जनपद के महरौनी सिंचाई खंड के सींचपाल सिमरन लाल ने महरौनी कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि महरौनी रजवाहा नहर पर कुआंघोषी गांव के बाहर नहर के कुलाबा को उसी गांव के रहने वाले सुंदर ने अवैध रूप से काटकर क्षतिग्रस्त कर दिया। जब कर्मचारी ने रोकने की कोशिश की तो राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाई और अपशब्दों का प्रयोग किया। कोतवाली पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर नहर काटने वाले आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 504 और 2/3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। जनपद में एक अन्य जगह पर नहर को काटने की घटना हुई है। ग्राम खिरिया लटकनजू गांव के बाहर से निकली हुई नहर को कुछ ग्रामीणों ने काट दिया। इस मामले में खिरिया लटकनजू के रहने वाले हरिराम, शंकर, श्यामलाल, कल्लू, पन्नालाल, कल्लू कुर्मी, मोहन, उदेता, सालिगराम के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने 2/3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया है।

पुलिस और पीएसी कर रही नहरों की निगरानी

विवाद सामने आने के बड़ा जनपद में कई स्थानों पर नहरों की सुरक्षा के लिए पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है। मड़ावरा के जामनी नदी की नहर की निगरानी के लिए पीएसी की तैनाती की गई है। महरौनी क्षेत्र में भी पुलिस को नहरों की निगरानी और दबंगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। डीएम मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि नहरों पर पहरा बिठाना सुरक्षा की प्रक्रिया है। कुछ लोग नहर काट लेते हैं, जिसके कारण पानी नहर के टेल तक नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में नहर के आखिरी हिस्से तक पानी पहुंचने से रोकने वालों की निगरानी के लिए पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है।