राज्य मंत्री प्रतिनिधि सुरेश कुमार पंथ ने कहा कि विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। हर साल 13 फरवरी को यह दिवस मनाया जाता है। रेडियो संचार का एक ऐसा साधन है, जिसके माध्यम से हम देश विदेश के समाचार व विभिन्न प्रकार की जानकारी एक जगह बैठकर बिना किसी परेशानी के पा सकते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री ने रेडियो की शक्ति को पहचाना तभी तो उन्होंने लोगों से मन की बात करने के लिए रेडियो को चुना जब भी प्रधानमंत्री रेडियो पर लोगों से मन की बात कहते हैं तो करोड़ों देशवासी उनकी मन की बात को सुनते हैं। रेडियो दुनिया का सबसे सुलभ मीडिया है, जो लोग पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं। वह भी रेडियो सुनकर सारी जानकारी पा लेते हैं।
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आपातकालीन परिस्थितियों में भी रेडियो संपर्क की ताकतवर भूमिका निभाता है। कार्यक्रम में उपस्थित भरत सिंह एडवोकेट बछरई ने कहा कि रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रेडियो के प्रति जागरूक करना और रेडियो के बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी देना है। आज जमाना भले ही इंटरनेट का हो गया हो लेकिन आज भी लोगों के मन में रेडियो के प्रति लगाव है और आज भी करोड़ों देशवासी रेडियो सुनते हैं और उसके माध्यम से बहुत कुछ सीखते हैं। सहज सरलता के साथ-साथ रेडियो संचार का एक सस्ता साधन है। रेडियो के माध्यम से खेती किसानी से संबंधित जानकारी मिलती है कार्यक्रम के अंत में समिति के अध्यक्ष चतुर्भुज सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया
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मौके पर ये लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर सुरेश कुमार पंथ, भरत सिंह एडवोकेट, संतोष कुमार पंथ, लाखन सिंह नन्ना, राम प्रताप सिंह सदर, राम रावत, राजकुमार रावत, माधव सिंह सदर, रघुवीर सिंह, हुकुम सिंह, इमरत सिंह, राम कंकन, लाखन सिंह, सुखदेव, मान सिंह, हम्मीर, कल्यान, निर्मल सिंह, हनुमत सिंह, हरनारायण, असमन सिंह, राजू, पप्पू पाल, मुकेश पाल, झग्गी विश्वकर्मा, महेंद्र सिंह अमरचंद, रामसेवक, प्रकाश केवट, निरपत अहिरवार, हरीराम, बलराम विश्वकर्मा, भगवत केवट, शिशुपाल सिंह, भगवत, चतुर्भुज सिंह, प्रवेश सिंह, जगभान सिंह, लोकपाल सिंह, शत्रुघन सिंह, मंगल सिंह, खिलान सिंह, मानवेंद्र सिंह, जमुना प्रसाद विश्वकर्मा, चंद्रकेश, सुजान सिंह, मजबूत सिंह, चंद्र प्रताप, श्यामसुंदर, पुष्पेंद्र राजपूत के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।