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परिवार नियोजन विधियों में छाया से अधिक अंतरा में बढ़ी महिलाओं की दिलचस्पी, जानिये इनके बारे में

जिला महिला अस्पताल में फरवरी में गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा और छाया टेबलेट को लांच किया गया था

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lalitpur

परिवार नियोजन विधियों में छाया से अधिक अंतरा में बढ़ी महिलाओं की दिलचस्पी, जानिये इनके बारे में

ललितपुर. जिला महिला अस्पताल में फरवरी में गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा और छाया टेबलेट को लांच किया गया था जो महिलाओं को बहुत ज्यादा भा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिले आकड़ों के अनुसार तीन माह में करीब 210 महिलाओं ने इन दोनों विधियों को अपनाया है, जिसमें से 109 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन को अपनाया है, वही 101 महिलाओं ने छाया टेबलेट को अपनाया है।


परिवार को सुनियोजित करने के लिए सरकार द्वारा पहले भी परिवार नियोजन से संबन्धित कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिसमें कॉपर टी, सहेली और निरोध का प्रयोग किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा कॉपर टी लगवाने में कही कुछ समस्याए हो रही है वही नियमित गोली खाने में भी महिलाओं से चूक हो जाती है जिससे उन्हे अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ता है। इन्ही चीजों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने परिवार नियोजन की विधियों में दो और नई विधियों को 40 जिलो में अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट के रूप में 15 फरवरी 2018 को लांच किया था। यह महिलाओं के लिए पूर्ण गोपनीयता के साथ एक सुरक्षित, प्रभावी और परेशानी मुक्त पद्धति है। जिले में पिछले तीन माह में यह इंजेक्शन महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है। वही साप्ताहिक गोली छाया के सेवन के लिए भी महिलाए आगे आ रही है।


क्या है अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट - एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए महिला को तीन माह में एक इंजेक्शन लगाया जाता है। इस प्रकार साल में चार इंजेक्शन लगाया जाता है। इसका अर्थ है कि एक बार इंजेक्शन लगवाने से तीन माह तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा। जो महिलाए इंजेक्शन लगवाने से डरती है, उनके लिए छाया गोली है जो हफ्ते में 2 बार खानी होती है। महिलाएं जब तक छाया पिल का सेवन एवं अंतरा इंजेक्शन लगवाएंगी उन्हें गर्भधारण नहीं होगा। जब उन्हें दुबारा मां बनना हो तो वह इन पिल्स का सेवन या इंजेक्शन लगवाना बंद कर सकती हैं।
डॉक्टर मनुलिका, ट्रेनिंग क्वालिटी मैनेजर, जिला महिला अस्पताल ने बताया कि जहां यह इंजेक्शन महिलाओं को अनचाहे गर्भ से बचाता, वही महिलाओं में यह इंजेक्शन गर्भाशय के कैंसर एवं एनीमिया से भी बचाव करता है, इसके अलावा स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर भी किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। वही इनका कहना है कि जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर 150 से ऊपर रहता है, और जिनको रक्त स्त्राव हो रहा है और उसका कारण पता नहीं चल पाता ऐसी महिलाओं को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है।


आरती परमार, परिवार कल्याण, परामर्शदाता, जिला महिला अस्पताल ने बताया कि पहले इंजेक्शन लगाने के बाद कुछ महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव से संबन्धित समस्या हो सकती है जो बाद में ठीक भी हो जाती है। इसके लिए वह पहले ही महिला को बता देती है जिससे वह घबराए नहीं। इंजेक्शन लगने के साथ महिलाओं को एक कार्ड भी दिया जाता है। कार्ड पर अगली तिथि के बारे में भी जानकारी लिख दी जाती है। ताकि महिलाओं को याद रहे कि उन्हें दुबारा इंजेक्शन लगवाने कब आना है। यह इंजेक्शन मासिक धर्म के पहले दिन से सातवे दिनों के दौरान लगाया जाता है।


राजघाट ललितपुर निवासी वीरवती ने बताया कि उनकी 13 माह की एक लड़की है और दूसरा बच्चा नहीं चाहिए उसके लिए उन्होने दूसरे बच्चे में गैप रखने के लिए अंतरा इंजेक्शन लगवाया। वही इनको इस इंजेक्शन को लगवाने से थोड़ा बहुत मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव की समस्या होती है जिसके बारे में पहले ही परामर्शदाता द्वारा बता दिया गया था कि शुरू में इस तरह की समस्या होगी जो बाद में ठीक हो जाएगी। इसके अलावा वीरवती को और कोई समस्या नहीं होती है।


तालाबपुरा निवासी भारती का कहना है कि वर्तमान में उनके दो बच्चे है और उन्हें दूसरा बच्चा नहीं चाहिए हैं। इसलिये जो गर्भ धारण का समय होता है उस समय वो अपने पति से दूर रहती थी। जब उन्हें समाचार पत्रो के माध्यम से अंतरा इंजेक्शन के बारे में पता चला तो उन्होने अंतरा इंजेक्शन लगवाया। शुरू में उनको मासिक धर्म के दौरान रक्त स्त्राव की समस्या हुई जो कुछ दिनों में खत्म हो गयी है।