
ललितपुर. ग्राम पंचायतों को हाईटेक बनाने के सरकार के दावों की असलियत ललितपुर के विकास खण्ड बिरधा के ग्राम पंचायत कलोथरा में देखने को मिलती है। गांव में बना पंचायत भवन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण तबेला बन चुका है। पंचायत भवन के बाहर जानवर बांधे जाते है और अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।
बदहाल पंचायत भवन की नहीं ली किसी ने सुध
शासन ने आदेश जारी किये थे कि ग्राम पंचायत भवन पर ग्राम की वार्षिक कार्य योजना और उसके आय व्यय का लेखा लिखने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची दीवारों पर अंकित कराई जाये। आदेश के बाद आधी-अधूरी पेन्टिंग कराई गयी जिसके ऊपर गोबर के धब्बे पड़ चुके हैं। पंचायत भवन के बाहर जानवरो का गोबर पड़ा रहता है तो अन्दर गन्दगी व्याप्त है जहां सांस ले पाना भी मुश्किल है। पंचायत भवन के अन्दर शराब की खाली बोतले पड़ी दिखाई दे जाती हैं। इस ग्राम पंचायत के साल 2010 में मानसिंह प्रधान थे और साल 2015 में महिला के लिए सीट आरक्षित हो जाने पर उनकी पत्नी राजेश्वरी प्रधान बन गयीं।
अफसरों ने दिया कार्रवाई का भरोसा
हैरत की बात यह है कि कभी प्रशासनिक अफसरों ने इस ग्राम पंचायत की सुध नहीं ली। गांव के लोग पंचायत भवन की इस बदहाली पर नाराजगी जाहिर करते हैं और सरकारी अफसरों पर उदासीनता का आरोप लगाते हैं। खण्ड विकास अधिकारी विरधा सुनील कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत भवन कलोथरा के बारे में कई तरह की अनियमितताओं की शिकायत मिली है। सम्बन्धित सचिव को समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। बीडीओ ने कहा कि वे खुद पंचायत भवन का निरीक्षण करेंगे और लापरवाह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
17 Nov 2017 03:21 pm
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